मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक प्लेटफॉर्म डेवलप करेगी, अब सोशल-मीडिया कंपनियों पर FIR कर सकेंगे यूजर्स

मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक प्लेटफॉर्म डेवलप करेगी, अब सोशल-मीडिया कंपनियों पर FIR कर सकेंगे यूजर्स

नई दिल्ली, सरकार अब नागरिकों को सोशल मीडिया कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में सक्षम बनाएगी। डीप फेक जैसे ऑब्जेक्शनेबल कंटेंट से पीडि़त होने की स्थिति में सरकार आईटी रूल्स के उल्लंघन के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में नागरिकों की सहायता भी करेगी।
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक प्लेटफॉर्म डेवलप करेगी। इस प्लेटफॉर्म पर यूजर्स सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों द्वारा आईटी नियमों के उल्लंघन के बारे में सूचित कर सकते हैं।

आज से आईटी नियमों के उल्लंघन पर जीरो टॉलरेंस

राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी यूजर्स को आईटी नियमों के उल्लंघन के बारे में बहुत आसानी से सूचित करने और एफआईआर दर्ज करने में सहायता करेगा। उन्होंने कहा, आज से आईटी नियमों के उल्लंघन पर जीरो टॉलरेंस है। मंत्री ने कहा कि मध्यस्थ के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी और यदि वे डिटेल्स को डिस्क्लोज करते हैं कि कंटेंट कहां से ओरिजिनेट हुआ है तो उस एंटिटी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी, जिसने कंटेंट पोस्ट किया है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को आईटी नियमों के मुताबिक अपने टम्र्स ऑफ यूज को अलाइन करने के लिए सात दिन का समय दिया गया है।

स्पेशल ऑफिसर की होगी तैनाती

चंद्रशेखर ने कहा कि डीपफेक जैसे कंटेंट की जांच के लिए एक अधिकारी को नियुक्त किया जाएगा। यह अधिकारी इस तरह के कंटेंट को मॉनिटर करेंगे और शिकायतों का तय समय में निपटारा करेंगे। राजीव चन्द्रशेखर ने मीडिया से कहा, आज हमने इंटरनेट की सभी प्रमुख कंपनियों के साथ एक लंबी बैठक की। हमने उनके साथ डीपफेक का मुद्दा उठाया है। मैंने उन्हें याद दिलाया कि अक्टूबर 2022 से ही भारत सरकार उन्हें गलत सूचना और डीपफेक के खतरे के प्रति सचेत कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि सभी लोग इस बात पर सहमत हुए हैं कि आईटी अधिनियम के तहत मौजूदा आईटी नियम डीपफेक से निपटने के लिए पर्याप्त है। उन्होंने कहा कि देश का आईटी अधिनियम 23 साल पुराना है जिसका पालन करना टेक और सोशल मीडिया कंपनियों की जिम्मेदारी है।

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