पन्नाधाय जीवन अमृत योजना में अंतिम बार वर्ष 2016-17 में प्रीमियम राशि का भुगतान किया गया: सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री

पन्नाधाय जीवन अमृत योजना में अंतिम बार वर्ष 2016-17 में प्रीमियम राशि का भुगतान किया गया: सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री

जयपुर। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने सोमवार को विधानसभा में अवगत कराया कि पन्नाधाय जीवन अमृत योजना के अंतर्गत अंतिम बार वित्तीय वर्ष 2016-17 में 27 लाख 70 हजार 820 बीमित परिवारों की 27 करोड़ 71 लाख रुपए की प्रीमियम राशि दी गयी। इसके पश्चात इस योजना में प्रीमियम का भुगतान नहीं किया गया। जिसमें पूर्ववर्ती सरकार के 5 साल भी सम्मिलित हैं। उन्होंने बताया कि अब 14 मई 2024 से यह योजना संचालित नहीं है।  

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने सदन को बताया कि वित्तीय वर्ष 2006-07 में बीपीएल और आस्थाकार्ड धारी परिवारों के लिए पन्नाधाय जीवन अमृत योजना की घोषणा की गयी थी। उन्होंने बताया कि इसके तहत दुर्घटना में मृत्यु, स्थाई पूर्ण शारीरिक अपंगता और 2 आँख व पैर की क्षति पर 75 हजार एवं सामान्य मृत्यु पर 30 हजार, एक हाथ व एक पैर की क्षति पर 37 हजार 500 की सहायता राशि दी जाती है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना के तहत इस योजना में चयनित बीपीएल परिवार के मुखिया अथवा कमाऊ सदस्य की मृत्यु पर उन्हें एक मुश्त सहायता राशि देने का प्रावधान किया गया था।

  गहलोत ने सदन को बताया कि श्रम एवं रोजगार मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में 2 लाख रुपए की सहायता राशि देने का प्रावधान है।

इससे पहले विधायक शांती धारीवाल के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने बताया कि प्रदेश में बीपीएल एवं आस्था  कार्ड धारी परिवारों हेतु 14 अगस्त 2006 से संचालित पन्नाधाय जीवन अमृत योजना को 14 मई 2024 से बन्द कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि भारतीय जीवन बीमा निगम को भारत सरकार के सामाजिक सुरक्षा कोष एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय की राष्ट्रीय परिवार लाभ योजनान्तर्गत प्रति व्यक्ति 200 रूपये की प्रीमियम राशि आवंटित नही किये जाने के कारण नवीनीकरण के अभाव में संचालन बन्द किया गया है। 

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