कश्मीर मामले में पाकिस्तान का साथ नहीं देगा तालिबान
काबुल, अफगानिस्तान से अमेरिकी और नाटो सैनिकों की वापसी पूरी तरह से हो गई है और इस तरह से 19 साल, 10 महीने और 25 दिन बाद यानी करीब 20 साल बाद एक बार फिर अफगानिस्तान पर तालिबान का पूरी तरह से कब्जा हो गया है। अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद तालिबान खेमे में जश्न का माहौल है। आज करीब 20 साल बाद बैगर किसी विदेशी ताकतों की मौजूदगी में अफगानिस्तान की सुबह हुई। इस बीच तालिबान ने पाकिस्तान की नापाक उम्मीदों को बड़ा झटका दिया है और स्पष्ट किया कि वह कश्मीर में दखल नहीं देगा। साथ ही उसने पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को भी स्पष्ट किया है। बता दें कि अनस हक्कानी, हक्कानी नेटवर्क के संस्थापक जलालुद्दीन हक्कानी के सबसे छोटे बेटे हैं।
तालिबानी नेता अनस हक्कानी ने कहा कि हम कश्मीर के मामले में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। जब अनस हक्कानी से सवाल किया गया- पाकिस्तान हक्कानी नेटवर्क के बेहद करीब है और वह कश्मीर में लगातार दखल दे रहा है। क्या आप भी पाकिस्तान को समर्थन देने के लिए कश्मीर में दखल देंगे?- इस पर उन्होंने कहा कि कश्मीर हमारे अधिकार क्षेत्र का हिस्सा नहीं है और हस्तक्षेप नीति के खिलाफ है। हम अपनी नीति के खिलाफ कैसे जा सकते हैं? इसलिए यह स्पष्ट है कि हम कश्मीर में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।
क्या हक्कानी नेटवर्क, जैश और लश्कर को कश्मीर मसले पर समर्थन नहीं देगा, इस पर अनस हक्कानी ने कहा कि हम इस पर कई बार स्पष्ट कर चुके हैं और फिर से कह रहे हैं कि यह महज एक प्रोपेगेंडा है। भारत के साथ संबंधों पर उन्होंने कहा कि हम भारत के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं। हम नहीं चाहते कि कोई हमारे बारे में गलत सोचे। भारत ने 20 सालों तक हमारे दुश्मन की मदद की, मगर हम सब कुछ भूलकर रिश्ते को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं।