कागजों में दौड रही मलेरिया विभाग की टीम, जागरुकता अभियान भी ठंड़े बस्ते में
shailendra mishra
भिण्ड। जिला मलेरिया इकाई द्वारा इस माह 500 से अधिक घरों का सर्वे करने का दावा किया गया है, लेकिन मैदान में यह टीम अब तक सिर्फ दो-एक स्थानों पर नजर आई है। अफसरों के बंगलों पर मच्छरों से निजात दिलाने के लिए तो यह टीम पहुंच रही है, लेकिन आमजन के घरों का सर्वे कागजों में ही किया जा रहा है। ऐसे में आमजन को मच्छरों से निजात पाने के लिए स्वंम ही इंतजाम करने पड़ रहे हैं। मलेरिया विभाग की यह अनदेखी नई नहीं है, इससे पहले भी यही ढर्ऱा देखा जाता रहा है। इस मामले में जिला मलेरिया अधिकारी रामजी भलावी से संपर्क करने के लिए कई बार उनके मोबाइल पर कॉल किया गया, लेकिन उन्होंने एक बार भी कॉल रिसीव नहीं किया। कॉल रिसीव न करने के उनके इस रवैए से ही स्पष्ठ हो जाता है कि वह अपने कर्तव्य के लिए कितने सजग हैं।
फर्जी आंकड़ों के बल पर लूट रहे वाहवाही
दावा किया जा रहा है कि मलेरिया विभाग की टीमों को इस माह करीब 60 से अधिक घरों के कूलर व अन्य स्थानों में लार्वा मिला और इसे नष्ट किया गया है। दावा यह भी किया गया कि इस माह 500 से अधिक स्थानों का सर्वे किया गया है, लेकिन अब इन फर्जी आंकडों का भी प्रमाण सामने आ गया है। मलेरिया विभाग से जब इन स्थानों की पूरी जानकारी मांगी गई तो यह उपलब्ध नहीं करा सके और फर्जी रूप से पेश किए गए आंकडों की सच्चाई उजागर हो गई है।
डेंगू-मलेरिया से व्याप्त है भय
इन दिनों डेंगू-मलेरिया को लेकर आमजन में भय व्याप्त है और दिनों दिन इनके मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है। इसके बाद भी जिला मलेरिया विभाग ने इस पर गंभीरता नहीं दिखाई है। सूत्र बताते हैं कि जिला मलेरिया अधिकारी फर्जी रूप से टीमें मैदान में दौडाने के नाम पर भी पैसा जेब में डाल रहे हैं। इस पर किसी का ध्यान नहीं है और गुपचुप रूप से कई गड़बडिय़ां की जा रही है और पूरी तरह अपनी जिम्मेदारी से विभाग के अधिकारी पल्ला झाड़ रहे हैं।
सिर्फ अफसरों की परेशानी का रखा जा रहा ख्याल
अभी हाल ही में जिला मलेरिया इकाई की टीम शहर की ऑफिसर कॉलोनी में नजर आई थी और यहां एडीएम तरुण भटनागर, जिला पंचायत सीईओ अनूप कुमार सिंह व न्यायिक सेवा के दो अधिकारियों के बंगले परिसर में मच्छर व लार्वा पनपता हुआ मिला तो इसे नष्ट किया गया। इस पर चर्चा है कि मलेरिया विभाग को सिर्फ अधिकारियों के स्वास्थ्य की परवाह है, जबकि आमजन के स्वास्थ्य पर किसी भी तरह की गंभीरता नहीं बरती जा रही है।
विगत तीन माह में 9 लोग हुए डेंगू का शिकार
मलेरिया विभाग की लापरवाही से जिले में विगत तीन माह में 9 लोग डेंगू का शिकार हुए और इसमें पूरी लापरवाही जिला मलेरिया विभाग की मानी जा रही है। जानकारी मिली है कि लहार निवासी पूना देवी, रिया, सत्यम, जाग्रति, गोहद निवासी अमन, फूप निवासी अंशू, पावई निवासी मुरारीलाल, भिण्ड निवासी अरुण, अटेर निवासी अहेकपाल डेंगू का शिकार हो चुके हैं।
जागरुकता अभियान पर नहीं ध्यान
जिला मलेरिया विभाग द्वारा मलेरिया-डेंगू से बचाव के लिए किसी तरह का जागरुक अभियान नहीं चलाया गया। यह अभियान कागजों में चलाए जाते हैं और धरातल पर इस तरह के अभियान खोजने से भी नहीं मिल रहे हैं। जिले में इस वर्ष अगस्त से अक्टूबर माह तक नौ मरीज डेंगू का शिकार हो चुके हैं।