किसी भी चिन्हित वकील को थाने से प्रकरण ना दे थाना प्रभारी

किसी भी चिन्हित वकील को थाने से प्रकरण ना दे थाना प्रभारी

किसी भी चिन्हित वकील को थाने से प्रकरण ना दे थाना प्रभारी

अपनी मांगों को लेकर भाजपा विधि प्रकोष्ठ ने पुलिस अधीक्षक को सौपा ज्ञापन

do-not-give-case-to-any-identified-lawyer-from-the-police-station Syed Javed Ali मंडला - बुधवार को अधिवक्ताओं के प्रतिनिधि मण्डल ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर नवागत पुलिस अधीक्षक यशपाल सिंह राजपूत से सौजन्य भेंट। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी विधि प्रकोष्ठ द्वारा पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा कर उन्हें मंडला जिले के अंतर्गत स्थित सभी थाना प्रभारियों एवं विवेचकों पर चिन्हित वकीलों को थाने से ही प्रकरण दलाली के रूप में राशि लेकर प्रकरण दिए जाने के आरोप लगाते हुए इसे रोकने की मांग की है। भारतीय जनता पार्टी विधि प्रकोष्ठ द्वारा पुलिस अधीक्षक को सौपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि मंडला जिले के अंतर्गत सभी थाना प्रभारी एवं प्रकरण के विवेचकों द्वारा उनके थाना क्षेत्र में घटित अपराधों की विवेचना के दौरान प्रत्येक थाने में चिन्हित कुछ अधिवक्ताओं को बुलाकर दलाली के रूप में राशि लेकर प्रकरण न्यायालय में जमानत कराने के लिए देते हैं। थाने में ही आरोपी के घर वालों से पैसे लेकर संबंधित द्वारा चिन्हित अधिवक्ता को प्रकरण में लगाने का दबाव बनाते हैं। आरोपी के घर से ही जो व्यक्ति जमानत के लिए आता है, उसका पट्टा स्वयं रख लेते हैं और चिन्हित वकील को जमानत के लिए दे देते हैं जिससे उसके घर वाले अपने सुविधानुसार प्रकरण की पैरवी हेतु नियुक्ति ना कर सके। ज्ञापन में कहा गया है कि प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुति करने के पूर्व संबंधित विवेचना अधिकारी द्वारा आरोपी और उसके परिवार से प्रकरण को पास कराने एवं चालान की फोटो कॉपी के लिए भी एक हजार से डेढ़ हज़ार रुपए की मांग की जाती है और ना देने पर चालान वापस करने की धमकी संबंधित जो थाने से संबंधित विवेचक के द्वारा चालान लेकर भेजा जाता है उसके द्वारा की जाती है। थाना प्रभारियों के द्वारा एक निश्चित थाना मोहरीर को थाना में चालान पेश करने हेतु भेजा जाता है जो चिन्हित वकीलों को चालान थाना से ही दे देता है जिससे अन्य वकीलों के व्यवसाय में विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। मंडला आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र और जिले के निवासी कृषि कार्य में आश्रित है। थाना प्रभारी द्वारा प्रकरण में अनुचित दबाव बनाए जाने से और चिन्हित वकीलों को दलाली के रूप में देने से उनके ऊपर आर्थिक बोझ पड़ता है। इससे वह अत्यधिक परेशान है किंतु पुलिस के डर के कारण भी कोई कार्यवाही नहीं कर पाते। do-not-give-case-to-any-identified-lawyer-from-the-police-station भाजपा विधि प्रकोष्ठ ने पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित किया जावे कि विवेचना उपरांत प्रस्तुति के समय थाने से प्रकरण किसी भी चिन्हित वकील को ना दें। साथ ही थाना मोहरीर द्वारा चालान पास कराने और चालान की फोटो कॉपी के नाम से अवैधानिक वसूली ना की जाए। इस दौरान भाजपा विधि प्रकोष्ठ के जिला संयोजक अधिवक्ता सी. बी. पटेल, अधिवक्ता मनोज ठाकुर, अधिवक्ता राजेंद्र चंद्रौल, अधिवक्ता देवाशीष झा, अधिवक्ता इम्तियाज अख्तर, अधिवक्ता शुभम पटेल, अधिवक्ता डीसी नंदा, अधिवक्ता राजा करण साहू, अधिवक्ता आशीष कछवाहा, अधिवक्ता अविनाश पटेल, अधिवक्ता शशि कपूर श्रीवास, अधिवक्ता सावन चौरसिया, अधिवक्ता प्रशांत सोनी, अधिवक्ता शशांक शुक्ला एवं अन्य अधिवक्ता गण उपस्थित रहे।