चुनावी नतीजों ने वीआईपी, हम, भाकपा-माले और एआईएमआईएम पार्टियों की बदली किस्मत 

चुनावी नतीजों ने वीआईपी, हम, भाकपा-माले और एआईएमआईएम पार्टियों की बदली किस्मत 
पटना, चुनावी नतीजों के बाद बिहार में कई राजनीतिक दलों की स्थिति में बदलाव हो जाएगा। चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने वाले कई राजनीतिक दल इस बार निबंधित गैर मान्यता प्राप्त दलों की फेहरिस्त से निकलकर राज्यस्तरीय दल बनने की दौड़ में शामिल हो गए हैं। ऐसे दलों में वीआईपी, हम, भाकपा -माले और एआईएमआईएम शामिल हैं। किसी भी राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय या गैर मान्यता प्राप्त दलों की स्थिति स्थायी नहीं है। हर चुनाव के बाद उनकी परिस्थितियों में बदलाव होता है। चुनाव आयोग तय मानकों के हिसाब से उसका परीक्षण करता है। इस बार वीआईपी सहित कई दलों का दावा राज्यस्तरीय दल होने का है। राज्यस्तरीय दल होने की शर्तों में से एक कम से कम तीन प्रतिशत वोट या तीन सीटें जीतने की भी है। इस शर्त को वीआईपी के साथ-साथ माले, हम और एआईएमआईएम भी पूरा कर रहे हैं। राज्यस्तरीय दल बनने की स्थिति में इन पार्टियों को कई सुविधाएं मिलने लगेंगी। ऐसे अधिकांश दलों के पास सरकारी कार्यालय हैं। अब इन चारों को भी राजधानी पटना में सरकारी दफ्तर की व्यवस्था की जा सकती है। चुनाव पूर्व इन दलों को टीवी और रेडियो पर अपने प्रचार के लिए समय भी दिया जाता है। निर्वाचक नामावलियां भी मुफ्त प्राप्त होती हैं। बिहार में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के पांच विधायक चुनाव जीते हैं। संविधान के नियम के तहत राज्यस्तरीय पार्टी के दर्जे के लिए हम निर्वाचन आयोग से मिलकर गुजारिश करेंगे। - अखत्तरूल ईमान, विधायक सह प्रदेश अध्यक्ष एआईएमआईएम हमने इस चुनाव में चार सीटें जीती हैं और हमारी पार्टी राज्यस्तरीय  दल बनने की अर्हता पूरी कर रही है। अब सरकारी कार्यालय सहित अन्य सुविधाएं वीआईपी को मिल सकेंगी। - राजीव मिश्रा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह मुख्य प्रवक्ता, वीआईपी ‘हम पार्टी  का सिंबल ‘कड़ाही’ अब स्थायी रूप से उन्हें मिल जाएगा। अब  पार्टी को राज्यस्तर का दर्जा मिल जाएगा। इसके लिए शर्त है कि पार्टी के दो विधायक होने चाहिए, जबकि अब ‘हम’ के चार उम्मीदवार जीते हैं। सरकारी कार्यालय भी मिलेगा। - दानिश रिजवान, प्रवक्ता ‘हम’ भाकपा माले को राज्यस्तरीय दल के रूप में अब मान्यता मिलेगी। फरवरी, 2005 के आम चुनाव में सात सीट जितने के बाद राज्यस्तरीय दल की मान्यता मिली थी। इस बार 12 विधायकों के जीतने पर यह फिर मिलने की संभावना है। - कुणाल, सदस्य सचिव, भाकपा माले