MP: अखिलेश बोले, कांग्रेस साथ हो तो 200 पार

भोपाल
समाजवादी पार्टी (एसपी) अध्यक्ष अखिलेश यादव अभी भी कांग्रेस से हाथ मिलाना चाहते हैं। उनका दावा है कि कांग्रेस यदि अब भी उनके साथ आ जाए तो वे 200 से ज्यादा सीटें जीत सकती है। उनके इस बयान पर कांग्रेस ने कहा है कि नतीजे आने के बाद यदि कोई मित्र दल साथ आना चाहेगा तो उसका स्वागत किया जाएगा।
अखिलेश यादव मंगलवार को भोपाल में थे। वह मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पार्टी का घोषणा पत्र जारी करने पहुंचे थे। उत्तर प्रदेश में दो लोकसभा सीटों पर उपचुनाव कांग्रेस और बीएसपी के साथ मिलकर लड़ चुकी अखिलेश की पार्टी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में अकेले उतरी है। उन्होंने एमपी की 230 में से 52 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। उन्होंने गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) से चुनावी समझौता किया है। एसपी के ज्यादातर प्रत्याशी उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे जिलों में हैं। अखिलेश ने बीजेपी और कांग्रेस से आए नेताओं को भी टिकट दिए हैं।
'कांग्रेस को उसकी नाकामियां बताएंगे'
अखिलेश ने भोपाल में मीडिया से कहा, 'कांग्रेस से हमारी बात हुई थी। वह हमें तो सीटें देने को तैयार थी लेकिन हम चाहते थे कि बीएसपी को भी साथ लिया जाए। हमने कहा कि बड़ी लड़ाई है, सबको साथ लेकर चला जाए लेकिन वह हमको कुछ समझती ही नहीं है इसलिए हमारी बात नहीं मानी।' अखिलेश ने कहा, 'कांग्रेस का धन्यवाद! जो उसने हमारी बात नहीं मानी। अब हम उसे उसकी नाकामियां बताएंगे।' उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अगर कांग्रेस अभी भी एसपी, बीएसपी और जीजीपी को साथ ले लें तो 200 से ज्यादा सीटें जीत सकती है।
अखिलेश के इस दावे के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'अखिलेश हमारे मित्र हैं। साथ में संसद में रहे हैं। हम मध्य प्रदेश में सरकार बनाने जा रहे हैं। चुनाव के बाद यदि कोई दल हमारे साथ आना चाहेगा तो हम उसका स्वागत करेंगे। फिलहाल तो हम अपने दम पर ही लड़ेंगे।' उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने एसपी और बीएसपी से चुनावी समझौते की बहुत कोशिश की थी लेकिन बात नहीं बनी थी। उसके बाद कांग्रेस ने अकेले लड़ने का फैसला किया था।
एमपी में जनाधार नहीं बना पाई है एसपी
जहां तक मध्य प्रदेश में एसपी के जनाधार का सवाल है, एसपी अभी तक प्रदेश में अपना संगठन तक खड़ा नहीं कर पाई है। 1998 के विधानसभा चुनाव में एसपी के 7 विधायक चुने गए। बाद में 2008 में यह संख्या घटकर 1 रह गई थी। 2013 में तो उसका खाता भी नहीं खुला था। इस बार भी उसने कांग्रेस और बीजेपी के नाराज नेताओं पर दांव लगाया है। भिंड में बीजेपी विधायक नरेंद्र कुशवाह पार्टी द्वारा टिकट न दिए जाने के बाद एसपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी अपने बेटे को एसपी से चुनाव लड़वा रहे हैं। कांग्रेस के करीब एक दर्जन नेता एसपी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
उधर बीजेपी ने अखिलेश के घोषणा पत्र पर तंज कसा है। बीजेपी उपाध्यक्ष प्रभात झा ने कहा है, 'अपना राजनैतिक बजूद बचाने के लिए एसपी ने मध्य प्रदेश में अपना घोषणा पत्र जारी किया है। एसपी नेता मध्य प्रदेश का इतिहास-भूगोल तक तो जानते नही हैं। चुनाव क्या लड़ेंगे!' उधर अखिलेश अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं। अब तक वह कई चुनावी रैलियां भी कर चुके हैं।