MP: कर्जमाफी से 50,000 करोड़ का भार
भोपाल
चुनावों के दौरान दस दिन के भीतर किसानों का कर्ज माफ कर देने के कांग्रेस के वादे की खूब चर्चा हुई। पार्टी को इसका पूरा लाभ भी मिला नतीजन कांग्रेस अब सत्ता में है। नई सरकार के सामने तय समय में अपने वादे को निभाने की बड़ी चुनौती है। किसानों का कर्ज माफ करने से सरकार पर करीब 50 हजार करोड़ का अतिरिक्त भार पड़ेगा। यह भी कहा जा रहा है कि नई सरकार को उत्तराधिकार में मिले सरकारी खजाने की हालत ठीक नहीं है। वित्त विभाग के गजट के मुताबिक मध्य प्रदेश इस समय 1,60,871.9 करोड़ रुपये के कर्जे में डूबा हुआ है।
निजाम बदलते ही तैयारी में जुट गए नौकरशाह
सूबे में सरकार बदलते ही अफसरों ने कोऑपरेटिव और अन्य बैंकों से जारी किसान ऋण के संबंध में आंकड़े जुटाने शुरू कर दिए हैं। जो जानकारियां सामने आई हैं वे चौंकाने वाली हैं। स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी (एसएलबीसी) के मुताबिक, 31 मार्च, 2018 तक किसानों का करीब 75,000 करोड़ कर्ज बकाया था। 2017-18 में 40 लाख किसानों को 46,000 करोड़ रुपये ऋण दिया गया था जिसमें 20,000 करोड़ इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में ही दिए गए।
सहकारी विभाग के प्रमुख सचिव केसी गुप्ता का कहना है कि पूरे प्रदेश के 33 लाख किसानों को कोऑपरेटिव बैंकों द्वारा करीब 17,500 करोड़ रुपये का लोन दिया गया है। अन्य बैंकों द्वारा दिए कर्ज से संबंधित आंकड़े जुटाए जा रहे हैं। कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र के अनुसार दो लाख रुपये तक कर्ज लेने वाले किसानों का पैसा माफ किया जाना है। इस पूरी प्रक्रिया से सरकार को 50 हजार से लेकर 54 हजार करोड़ की चपत लगेगी।
एमपी की टीम कर चुकी है पंजाब का दौरा
मध्य प्रदेश के नौकरशाहों की एक टीम पहले ही पंजाब और महाराष्ट्र का दौरा कर चुकी है। इन दोनों राज्यों में पिछले साल किसानों का कर्ज माफ किया गया था। अधिकारियों ने यहां से कर्ज माफी प्रकिया के संबंध में पूरी जानकारी जुटा ली है। पंजाब सरकार ने इस संबंध में एक पोर्टल का निर्माण किया है, इस सॉफ्टवेयर को समझने के लिए एक टेक्निकल टीम 17 दिसंबर को दो दिवसीय विजिट पर चंडीगढ़ जाएगी। प्रमुख सचिव राजेश अरोड़ा ने बताया कि शुक्रवार को इस संबंध में आदेश जारी हो गए हैं। हम भी इसी तरह का पोर्टल बनाएंगे ताकि कर्ज माफी प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी की जा सके।
असमंजस बाकी
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार बनने के दस दिन के भीतर कर्ज माफी का ऐलान किया था ऐसे में अफसर पूरी प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने में जुटे हैं। यहां यह भी प्रश्न उठ रहे हैं कि केवल फसलों के लिए लिया गया कर्ज माफ किया जाएगा या फिर किसानी से जुड़े उपकरण संबंधी लोन भी इस दायरे में आएगा। अगर दोनों तरह के कर्ज माफ किए जाएंगे तो सरकारी खजाने पर और भार बढ़ सकता है।
किसानों में उल्टी गिनती शुरू
गौरतलब है कि पंजाब में 14 महीने पहले ऋण माफी की प्रकिया शुरू हुई थी पर अब तक सिर्फ 20 परसेंट किसानों का ही कर्ज माफ हो पाया है। वहीं महाराष्ट्र में 18 महीने के भीतर 60 परसेंट किसानों को इस योजना का लाभ मिल चुका है। अब मध्य प्रदेश के किसानों ने दस दिनों की उल्टी गिनती शुरू कर दी है।