NUHM ने नौकरी देने के नाम पर बेरोजगारों को छला

इंदौर
प्रदेश में आयुष अधिकारियों की भर्ती के लिए 2015 में एमपी आॅनलाइन के माध्मय से विज्ञापन दिया गया था। इसमें बताया गया था कि प्रदेश में 388 पदों पर संविदा भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित होना है। इसके लिए अनारक्षित वर्ग के उम्मीदवारों से 600 रुपए और आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों से 300 रुपए परीक्षा शुल्क वसूला गया।
करीब 30 हजार उम्मीदवारों ने आवेदन किए थे। 90 लाख रुपए से ज्यादा परीक्षा शुल्क वसूलने के बाद अपरिहार्य कारणों से भर्ती परीक्षा स्थगित कर दी गई। करीब चार वर्ष बाद भी शासन ने परीक्षा को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की है। आवेदकों का कहना है कि आयुष विभाग ने चार वर्ष में परीक्षा शुल्क पर अच्छा खासा ब्याज कमा लिया है, लेकिन अभी भी वह यह नहीं बता रहा है कि परीक्षा कब ली जाएगी। यदि परीक्षा नहीं होना है तो परीक्षा शुल्क का क्या होगा, इस बारे में भी कोई जानकारी नहीं दी जा रही है।
ऐसे होना था चयन
एनयूएचएम के तहत आयुष चिकित्सकों के पदों के लिए आनॅलाइन भर्ती परीक्षा होना थी। परीक्षा में सफल उम्मीदवारों के साक्षात्कार के बाद 100 अंकों के आधार पर चयन सूची बनाई जाना थी। इसमें 80 फीसदी अंक आॅनलाइन परीक्षा और 20 फीसदी अंक साक्षात्कार के हैं। गौर करने वाली बात यह है कि शासन ने 2013-14 में संविदा चिकित्सकों का मानदेय 25,000 रुपए प्रस्तावित किया था। उसे घटाकर 23,000 रुपए कर दिया गया। यानी गामीण क्षेत्र के लिए तो 25 हजार ही वेतन था, लेकिन शहरी क्षेत्र के लिए इसे 2 हजार रुपए कम कर दिया।
पता करवाती हूं
सरकार की मंशा जनता को बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराना है। आयुष डॉक्टर्स की भर्ती के संबंध में अधिकारियों से पता करने के बाद ही कुछ कह पाऊंगी।
- डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ, आयुष मंत्री
हम कोर्ट जाएंगे
शासन ने आयुष अधिकारी परीक्षा के लिए चार वर्ष पहले आवेदन मंगाए थे। परीक्षा क्यों नहीं ली गई, इस बारे में कुछ नहीं बताया जा रहा है। हम कई बार आयुष विभाग में शिकायत भी कर चुके हैं, लेकिन अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की है। यदि परीक्षा नहीं ली गई तो हम कोर्ट जाएंगे।
डॉ. ज्योति व्यास, डॉ. मोहन बबेल, डॉ. प्रशांत रायकवार, सभी आवेदक
ब्याज सहित वापस लेंगे फीस
आयुष भर्ती के नाम पर शासन ने आवेदकों से छलावा किया है। परीक्षा के नाम पर लाखों रुपए फीस वसूलकर शासन ब्याज कमा रहा है और हमें यह तक नहीं बताया गया है कि परीक्षा लेंगे या नहीं। हमने आयुष मंत्री को शिकायत की है। यदि जल्द ही हमें परीक्षा के संबंध में जानकारी नहीं दी गई तो ब्याज सहित फीस वापस लेने के लिए कोर्ट में केस लगाएंगे।
- डॉ. राकेश पाण्डेय, राष्ट्रीय प्रवक्ता आयुष एसोसिएशन