डाॅ. आनन्द शुक्ल
मध्यप्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव के परिणाम से सिद्ध हो गया कि जनता का विश्वास आज भी शिव राज पर कायम है। उपचुनाव में भाजपा को जीत दिलाकर जनता ने यह साबित भी कर दिया कि मध्यप्रदेश का मतदाता भाजपा और शिवराज‘ पर भरोसा करता है।

दरअसल यह परिणाम भाजपा के लिए चुनौती नहीं उसका स्वभाविक अधिकार था। वर्ष 2018 के चुनाव परिणामों में कांग्रेस को भले ही कुछ सीटें अधिक मिल गयी थीं किन्तु वोट शेयरिंग भाजपा का ही ज्यादा था। मध्यप्रदेश के विकास के संदर्भ में देखा जाये तो प्रदेश का मतदाता कांग्रेस के अनर्गल आरोप गद्दारी और विकाउ को नकार दिया और इसकी जगह विकास और टिकाउ को फिर मौका दिया है। मतदाताओं का यह संदेश अपने आपमें बड़ा है। इसे संयोग ही कहेंगे कि 15 साल बाद सत्ता में वापिस आयी कांग्रेस 15 माह में ही विदा हो गई। जनता का यह स्पष्ट संदेश है कि कांग्रेस अभी विपक्ष में ही रहे। वह विपक्ष की अधिकारी है, सत्ता की नहीं। दूसरी ओर जनता के मनोभाव और चुनाव परिणाम के समय को पौराणिक दृष्टि से देखा जाये तो दिपावली के अवसर पर लक्ष्मी कमल पर ही सवार होकर आती हैं। जहां लक्ष्मी-कमल वहां विकास और आत्मनिर्भरता। उपचुनाव में इस बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान के साथ युगल जोड़ी ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा की रही जिसने दिन रात मेहनत करके इस परिणाम को हासिल किया है। इसमें कोई दो राय नहीं कि प्रदेश की जनता में मुख्यमंत्री शिवराज की स्वीकार्यता आज भी सबसे बड़ी है। वे सचमुच जनप्रिय जननेता हैं। चुनाव के दौरान उन पर जितने आरोप कांग्रेस द्वारा लगाये गये उन्होंने बड़ी विनम्रता से उसका जवाब दिया। उन्होंने मध्यप्रदेश की जनता को ही सर्वोपरी माना और कांग्रेस को उसके करनी पर छोड़ दिया। नतीजा अब सामने है। कांग्रेस कितना भी छुपा ले, यह सच है कि कांग्रेस गुटबाजी से उबर नहीं पायी है। वह विकास के मुद्दे पर नहीं बल्कि आरोप प्रत्यारोप और पीछे मुड़कर देखने की शैली को आधार मानकर वोट पाना चाहती थी। प्रदेश का मतदाता इस बात को भलीभांति जान गया था कि कमलनाथ स्वयं को मुख्यमंत्री बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं न कि प्रदेश के विकास के लिए। 15 महीनें के कार्यकाल में नाथ ने ऐसा कुछ भी नहीं किया जिसे वो चुनाव के दौरान जनता के सामने प्रस्तुत कर सकें। नाथ और कांग्रेस की स्थिति काठ की हांडी की तरह हो गयी जो दोबारा नहीं चढ़ती। अब वक्त है सीएम शिवराज के नेतृत्व में आगे बढ़ने का। मध्यप्रदेश का मतदाता भाजपा को स्पष्ट जनादेश देकर अपनी पिछली भूल को भी सुधार लिया और विकास की पटरी पर प्रदेश को आगे ले जाने के लिए शिवराज को और मजबूत कर दिया। ऐसे में यह उम्मीद की जायेगी कि आने वाले वर्षों में मध्यप्रदेश खुशहाल और आत्मनिर्भर बनेगा।