मनचाहे शेप में सेट कराएं भौहें, दर्द भी होगा कम, जानिए कैसे...

मनचाहे शेप में सेट कराएं भौहें, दर्द भी होगा कम, जानिए कैसे...
सुंदर और घनी आइब्रो से चेहरे की खूबसूरती बढ़ जाती है। आमतौर पर अधिकांश महिलाएं अपनी आइब्रो सेट कराने के लिए हर महीने पार्लर या ब्यूटी सैलून जाती हैं। आइब्रो का आकार बदलने और उन्हें पतला या मोटा करने के लिए थ्रेडिंग करानी पड़ती है। इस दौरान काफी दर्द होता है। माइक्रोब्लैडिंग ट्रीटमेंट आइब्रो सेट करने से जुड़ी एक तकनीक है। इससे आप अपनी भौहें मनचाहे शेप में सेट करा सकती हैं। इसकी खासियत यह है कि थ्रेडिंग की अपेक्षा इसमें बहुत कम दर्द होता है। हालांकि, आपको कुछ सावधानियां जरूर बरतनी पड़ेंगी। ​माइक्रोब्लैडिंग ट्रीटमेंट क्या है? माइक्रोब्लैडिंग आइब्रो की शेप बनाने की एक टेक्निक है। इसमें पेन के जैसे एक उपकरण का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें छोटी-छोटी सूइयों के साथ निब ब्लेड लगा होता है। यह स्किन की सतह को खरोंचता है और आइब्रो के आसपास के एपिडर्मिस लेयर को बेहतर शेप देता है। खास बात यह है कि यह ट्रीटमेंट काफी टिकाऊ होता है। ​कितनी टिकाऊ है माइक्रोब्लैडिंग? माइक्रोब्लैडिंग का टिकाऊपन आपकी लाइफस्टाइल और स्किन टाइप पर निर्भर करता है। आमतौर पर 1 साल से लेकर 3 साल तक आइब्रो में टच-अप की जरूरत नहीं पड़ती है। लेकिन यदि आपकी स्किन ऑयली है, तो आपको 1 साल बाद आइब्रो सेट कराने की जरूरत पड़ सकती है। नॉर्मल स्किन वाली महिलाओं की आइब्रो पर माइक्रोब्लैडिंग 18 महीने तक टिक सकती है। हालांकि आपको तेज धूप से अपनी स्किन को बचानी चाहिए। ​ कितनी सुरक्षित है माइक्रोब्लैडिंग? माइक्रोब्लैडिंग एक सुरक्षित और आसान ट्रीटमेंट है जिसमें काफी कम समय लगता है। पहले आइब्रो की हल्की मालिश की जाती है फिर यह ट्रीटमेंट शुरू होती है। इस दौरान आपको ब्लेड की आवाज जरूर सुनाई देगी लेकिन बहुत अधिक दर्द महसूस नहीं होगा। ​माइक्रोब्लैडिंग से जुड़ी इन खास बातों का रखें ध्यान माइक्रोब्लैडिंग कराने से एक हफ्ते पहले धूप के संपर्क में आने से बचें। यह ट्रीटमेंट लेने से एक हफ्ते पहले थ्रेडिंग या वैक्स न कराएं। लगभग एक महीने पहले से ही रेटिनॉल या विटामिन ए युक्त प्रोडक्ट का यूज बंद कर दें। फेशियल कराने से बचें। माइक्रोब्लैडिंग ट्रीटमेंट के बाद एक्सरसाइज न करें और तीन हफ्ते तक बोटोक्स न लें। यह ट्रीटमेंट कराने के चौबीस घंटे पहले एस्पिरिन या आइबुप्रोफेन का सेवन न करें। माइक्रोब्लैडिंग कराने से पहले या ठीक बाद अपनी आइब्रो को कलर न करें। यह ट्रीटमेंट लेने के 48 घंटे बाद तक धूम्रपान या एल्कोहल का सेवन न करें। आइब्रो के शेप को बदलने के लिए माइक्रोब्लैडिंग एक बेहतर विकल्प है। यह काफी पॉपुलर है और महिलाओं की पहली पसंद है। आप बिना किसी डर के माइक्रोब्लैडिंग ट्रीटमेंट करा सकती हैं।