अगर आपके घर पास भी हैं ये पौधे तो हो जाएं Alert !

अगर आपके घर पास भी हैं ये पौधे तो हो जाएं Alert !

आज के समय में अगर घर को वास्तु दोष से मुक्त करना है तो उसे वास्तु के हिसाब से बनाना बेहद जरूरी है। वास्तु शास्त्र के हिसाब से घर के आसपास पेड़-पौधे होना बहुत शुभ होता है लेकिन उन्हें किस दिशा  और कौन से पौधे लगाने चाहिए, ये जानना बहुत अवश्यक है। क्योंकि कुछ वृक्ष सकारात्मक ऊर्जा देते हैं और कुछ नकरात्मकता प्रदान करते हैं। पीपल, बरगद, नीम, शमी और बांस के पेड़ बहुत अच्छे होते हैं। लेकिन उन्हें घर के द्वार के ठीक सामने नहीं लगाया जा सकता है। चलिए हम आपको बताते हैं कि इन्हें किस दिशा में लगाना बेहतर होता है।

कदम्ब, केला और नींबू जिसके घर में उत्पन्न होता है, उस घर का मालिक कभी विकास नहीं करता और वहीं उसको दिशा का ज्ञान होना जरूरी है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार गूलर, आम, नीम, बहेड़ा तथा कांटेदार वृक्ष, पीपल, इमली ये सभी घर के समीप लगाने को कहे गए हैं। घर की छाया से थोड़ी दूर पर पीपल, आम और नीम लगा सकते हैं।

कहते हैं कि पूर्व में पीपल, अग्निकोण में दुग्धदार वृक्ष, दक्षिण में पाकड़, निम्ब, नैऋत्य में कदम्ब, पश्‍चिम में कांटेदार वृक्ष, उत्तर में गूलर, केला, छाई और ईशान में कदली वृक्ष नहीं लगाना चाहिए। अगर कभी लगाना पड़ जाए तो उससे पहले किसी वास्तु शास्त्री से सलाह लें।

पूर्व में लगे फलदार वृक्ष से संपत्ति की हानि, पश्चिम में लगे कांटेदार वृक्ष से शत्रु का भय, दक्षिण में दूध वाले वृक्ष लगे होने से धन नाश होता है। ये वृक्ष पीड़ा, कलह, नेत्ररोग तथा शोक प्रदान करते हैं। हालांकि ये वृक्ष घर की किसी भी दिशा में नहीं हो तो ही अच्‍छा होगा।

जामुन और अमरूद को छोड़कर फलदार वृक्ष भवन की सीमा में नहीं होने चाहिए। इससे बच्चों का स्वास्थ्य खराब होता है।

जिन पेड़ों से गोंद निकलता हो अर्थात चीड़ आदि घर के परिसर में नहीं लगाने चाहिए। यह धन हानि की आशंका को बढ़ाता है।

घर की दक्षिण दिशा में गुलमोहर, पाकड़, कटहल के वृक्ष लगाने से अकारण शत्रुता, अर्थनाश, असंतोष व कलह होने की आशंका रहती है।

पूर्व दिशा की ओर पीपल और बरगद के वृक्ष लगाने शुभ नहीं होते हैं। इनसे स्वास्थ्य हानि, प्रतिष्ठा में कमी आती है।