अडानी की कंपनी के विरोध में सुबह तीन बजे से प्रदर्शन कर रहे आदिवासी

अडानी की कंपनी के विरोध में सुबह तीन बजे से प्रदर्शन कर रहे आदिवासी

दंतेवाड़ा
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल में संचालित एनएमडीसी (नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कार्पोरेशन) में शुक्रवार को उत्पादन पूरी तरह से ठप्प हो गया है. सुबह तीन बजे से ही आदिवासी यहां प्रदर्शन कर रहे हैं. आदिवासियों का बड़ा समूह एनएमडीसी के चेकपोस्ट को घेरकर प्रदर्शन कर रहा है. आदिवासियों के इस प्रदर्शन को कांग्रेस, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे), आम आदमी पार्टी, सीपीआई जैसे राजनीतिक दल भी समर्थन दे रहे हैं.

अडानी की कंपनी को एनएमडीसी के 13 नंबर लोह अस्यक खदान देने का विरोध लंबे समय से आदिवासी कर रहे हैं. इसको लेकर कई बार रैलियां भी निकाली जा चुकी हैं. इसके बाद आज सुबह से ही आदिवासियों ने एनएमडीसी के चेकपोस्ट को घेर लिया और वहां धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. एनएमडीसी में तीन शिफ्ट में रोजाना काम हो होता है. पहली शिफ्ट सुबह तीन बजे से शुरू होती है. ऐसे में प्रदर्शनकारी आदिवासियों के समूह ने पहली शिफ्ट शुरू होने से पहले ही यहां प्रदर्शन शुरू कर दिया.

ट्रेड यूनियनों का समर्थन

दरअसल दंतेवाड़ा के बैलाडीला पर्वत श्रृंखला के नंदाराज पहाड़ पर स्थित एनएमडीसी की डिपॉजिट-13 नंबर खदान अडानी को दिए जाने के बाद होने वाले खनन का विरोध आदिवासियों ने शुरू कर दिया है. नंदाराज पहाड़ को बचाने के लिए सर्व ग्राम पंचायत ने आंदोलन की तैयारी की है. जन संघर्ष समिति के बैनर तले आदिवासी एनएमडीसी का घेराव कर रहे हैं. इसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचे हैं. डिपाॅजिट 13 के निजीकरण का शुरू से विरोध कर रहे ट्रेड यूनियन भी आंदोलन के समर्थन में हैं. संयुक्त खदान मजदूर संघ, इंटुक सहित अन्य यूनियनों ने इसका समर्थन किया है.