आम आदमी से लेकर कॉलोनाइजर तक के लिए आसान होगी आवास निर्माण की राह

आम आदमी से लेकर कॉलोनाइजर तक के लिए आसान होगी आवास निर्माण की राह

भोपाल
मध्यप्रदेश में आशियाना बनाने जा रहे आम आदमी, कॉलोनाइजर, बिल्डर्स के लिए अच्छी खबर है। राज्य सरकार प्रदेश की रियल एस्टेट डेवलपमेंट पॉलिसी में इस तरह के बदलाव करने जा रही है कि आम लोगों को घर बनाने के लिए अलग-अलग दफ्तरों के महीनों चक्कर नहीं लगाना पड़े बल्कि एक जगह इसके लिए आवेदन करने पर उनके सारे काम एक तय समयसीमा के भीतर पूरे हो जाए और इसके लिए उसे सरकारी अमले द्वारा किसी काम के लिए अनावश्यक परेशान नहीं किया जाए। सुशासन एवं नीति विश्लेषण स्कूल नगरीय प्रशासन विभाग के लिए यह पॉलिसी बनाने जा रहा है।

अभी तक आम आदमी को अपना आशियाना बनाने के लिए नगर निगम, नगर पालिका और अन्य नगरीय निकायों विकास प्राधिकरणों, गृह निर्माण मंडल में नक्शा पास कराने और भवन निर्माण की अनुमति लेने के लिए अलग आवेदन करना होता है। उस भवन में बिजली कनेक्शन के लिए बिजली कंपनी के दफ्तर में आवेदन करना होता है। उससे जुड़े करों को जमा करने के लिए नजूल, नगर निगम और अन्य संस्थाओं में जाना पड़ता है। बड़े भूखंड पर एक साथ कई आवास, कॉलोनी बनाने वाले बिल्डर्स, डेवलपर्स और कॉलोनाइजरों को तो कॉलोनाइजर लाइसेंस लेने, नगर एवं ग्राम निवेश से अनुमतियां लेने के अलावा यह सारी कवायद भी करना होता है।

स्कूल आॅफ गुड गवर्नेंस अब आम आदमी से लेकर कॉलोनाइजर और डेवलपर्स तक सबके लिए एक स्थान पर आवेदन देकर ये सारी अनुमतियां एक ही जगह से तय समयसीमा के अनुसार करने का इंतजाम करने जा रही है। मुख्यमंत्री कमलनाथ चाहते है यह नीति जल्द तैयार हो ताकि प्रदेशवासियों के आशियाने की राह आसान करने वे आम नागरिकों को इस नीति की सौगात दे सके। इसलिए स्कूल आॅफ गुड गवर्नेस ने इस पर तेजी से काम शुरु कर दिया है। अगले कुछ महीनों के भीतर ही यह पॉलिसी नगरीय प्रशासन विभाग के पास पहुंच जाएगी।

नई पॉलिसी को कुछ इस तरह तैयार किया जा रहा है कि जिस भी व्यक्ति  को शहरी क्षेत्र में अपना खुद का आवास बनाना हो उसे बस एक कार्यालय में जाकर यह बताना होगा कि उसके पास शहर के भीतर एक आवासीय भूखंड है जो उसके नाम पर है। वह उस भूखंड के एक तय क्षेत्रफल पर आवास तैयार करना चाहता है। बस इसके बाद उसे एक समय अलाट किया जाएगा। उससे इसके लिए सभी तरह के शुल्क जमा कराए जाएंगे। तय समय पर उसे उस कार्यालय में पहुंचना होगा। वहां उसे उस आवास के निर्माण के लिए मास्टर प्लान के हिसाब से तय मापदंडों के तहत उस भूखंड पर निर्धारित उंचाई तक, ग्रीन बेल्ट छोड़कर आवास निर्माण की अनुमतियां मिल जाएंगी। इसके लिए कार्यालय उसे उसकी जरुरत के मुताबिक ना केवल नक्शा तैयार कर देगा बल्कि उस आवास के लिए बिजली कनेक्शन, जलप्रदाय कनेक्शन, सीवरेज कनेक्शन देने की अनुमतियां भी प्रदान करेगा।

कॉलोनाइजर, बिल्डर्स और डेवलपर्स एक बड़े समूह के लिए एक साथ कई आवास तैयार करते है। इसके लिए उन्हें नगरीय निकायों, बिजली विभाग के अलावा नगर एवं ग्राम निवेश विभाग, रेरा से भी अनुमतियां लेना होता है। उन्हें पहले नगर एवं ग्राम निवेश से कॉलोनी निर्माण की मास्टर प्लान के अनुसार अनुमति लेना होता है। इसके बाद रेरा में इस प्रोजेक्ट का पंजीयन कराते हुए उसकी तय मानकों और शर्तो का पालन करना होता है। इसके बाद नगरीय निकायों और अन्य स्थानों से अनुमतियां प्राप्त करना होता है। इनके लिए भी एक छत के नीचे सारी अनुमतियां देने की व्यवस्था इस पॉलिसी में होगी। इनके लिए एक स्थान पर सभी कार्यालयों के अधिकारियों को साथ बिठाने का इंतजाम नई पॉलिसी में किया जाएगा। एक ही स्थान पर बने सभी विभागों के कार्यालयों में उनका आवेदन पहुंचेगा और उसमें चाहे गए प्रावधान, शर्तो का पालन उन्हें करना होगा उन्हें भी एक साथ सभी तरह की अनुमतियां मिल जाएंगी।

नगरीय प्रशासन विभाग के लिए स्कूल आॅफ गुड गवर्नेस एक ऐसी रियल एस्टेट डेवलपमेंट पॉलिसी तैयार कर रहा है जिसमें आम आदमी से लेकर कॉलोनाइजर तक के लिए आवास निर्माण के लिए सभी अनुमतियां एक साथ एक ही स्थान उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा सके ताकि उसका समय और पैसा बच सके। यह पॉलिसी जल्द ही तैयार हो जाएगी।
आर परशुराम, महानिदेशक सुशासन एवं नीति विश्लेषण स्कूल