उत्तर बिहार की कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर, अब तक 123 की मौत
पटना
बिहार के 12 जिलों में बाढ़ की स्थिति भयावह बनी हुई है और कोसी और सीमांचल क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से स्थिति और भी विकराल हो सकती है. मुख्य सचिव दीपक कुमार ने इस बात की जानकारी देते हुए सरकार की पूरी तैयारी के दावे भी किए हैं. बता दें कि जलस्तर में वृद्धि से उत्तर बिहार की अधिकतर नदियां विकराल रूप लेने लगी हैं.
पूर्वी चम्पारण, सीतामढ़ी, मधुबनी और दरभंगा जिले में बाढ़ से लाखों लोग बुरी तरह प्रभावित हैं. दूसरी ओर कोसी-सीमांचल की नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी है और कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. जो नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं उनमें बूढ़ी गंडक सममस्तीपुर में खतरे के निशान से 66 सेमी और रोसड़ा में 145 सेमी ऊपर हैं.
वहीं, बागमती भी उफान पर है. सीतामढ़ी के ढेंग में यह खतरे के निशान से 40 सेमी और रुन्नी सैदपुर में 113 सेमी ऊपर बह रही है. बागमती नदी बेनीबाद में 20 सेमी, हायाघाट में 56 सेमी खतरे के निशान से ऊपरहै. जबकि अधवारा समूह एकमीघाट में 82 सेमी खतरे के निशान से ऊपर है.
कमला बलान नदी जयनगर में खतरे के निशान से 19 सेमी और झंझारपुर में सात सेमी ऊपर बह रही है. कोशी खगड़िया के बलतारा में खतरे के निशान से 106 सेमी ऊपर बह रही है. महानंदा धेनगरा घाट में खतरे के निशान से 71 सेमी और झाबा में 50 सेमी खतरे के निशान से ऊपर है. वहीं परमान नदी अररिया में ख़तरे के निशान से 37 सेमी ऊपर बह रही है.
बिहार में बाढ़ से 69.27 लाख लोग प्रभावित हैं और उनके लिए सरकार राहत शिविर चला रही है. हालांकि लोगों की शिकायतें हैं कि उन्हें राहत नहीं मिल रही.
गौरतलब है कि बाढ़ से बिहार के 12 जिलों में स्थिति गंभीर है. इन जिलों के 105 प्रखंडों के 1240 पंचायत बाढ़ की चपेट में हैं. सीतामढ़ी में 37 और मधुबनी में 30 समेत कुल 123 लोगों की मौत की पुष्टि आपदा प्रबंधन विभाग ने की है. अब भी 42 शिविर में 22400 पीड़ित शरण लिए हुए हैं.
बाढ़ग्रस्त 12 जिलों में 42 राहत शिविर में करीब 22400 लोग शरण लिए हुए हैं जबकि पीड़ितों के लिए 835 कम्युनिटी किचन में खाना बन रहा है. वहीं, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 26 कंपनियां बाढ़ पीड़ितों के राहत और बचाव में जुटी हुई हैं.
नेपाल में भारी बारिश के कारण कई जिलों में अलर्ट घोषित किया गया है. रुक-रुककर हो रही बारिश के कारण नदियों के पास बसे ग्रामीण भयभीत हैं. बुधवार को बाढ़ के पानी में डूबने से सहरसा, कटिहार और किशनगंज में एक-एक मौत हुई है.
अगले दो दिनों में अधिक बारिश की आशंका व्यक्त की जा रही है. मुख्य सचिव दीपक कुमार के अनुसार बाढ़ की स्थिति और भी विकराल हो सकती है.हालांकि उन्होंने कहा कि बचाव के लिए सभी तैयारी की गई है और पीड़ितों के खाते में छह-छह हजार रुपए दिए जा रहे है.