किस दीवार पर कौन-सा रंग करवायें
हमें ग्रह भी प्रभावित करते हैं और दिशाएं भी इसलिए ज्योतिष एवं वास्तु दोनों को ध्यान में रखते हुए हमें दीवारों को रंग करवाना चाहिए। वास्तुशास्त्र के नियमों के अनुसार घर बनाने और उनकी सज्जा में रंगों का विशेष महत्व होता है। घर में कौन-सा रंग कहां करवाएं कि वह खूबसूरती के साथ-साथ समृद्धि भी लाए? आइए जानते हैं। वास्तु के अनुसार हमें घर में सुख-समृद्धि के लिए इन दिशाओं में निचे दिए गए रंगों का प्रयोग करना चाहिए।
- उत्तर-पूर्व दिशा में पीले एवं मटमैले रंग श्रेष्ठ, लाल और नारंगी रंग मध्यम तथा हरे रंग अशुभ होते हैं।
- उत्तर दिशा में नीला और काला रंग श्रेष्ठ, सफेद एवं रूपहला रंग मध्यम तथा पीला एवं मटमैला रंग अशुभ होता है।
- उत्तर-पश्चिम दिशा में सफेद श्रेष्ठ तथा पीला एवं मटमैला रंग मध्यम दर्जे का प्रभाव देता है जबकि लाल और नारंगी रंग अशुभ होता है।
- पश्चिम दिशा में सफेद और सलेटी रंग श्रेष्ठ, पीला एवं मटमैला रंग मध्यम स्तर का प्रभाव डालता है। इस दिशा में लाल या नारंगी रंग बहुत अशुभ होता है।
- दक्षिण-पश्चिम दिशा में पीला और मटमैला रंग श्रेष्ठ तथा लाल एवं नारंगी रंग मध्यम स्तर का प्रभाव डालता है। इस दिशा में हरे रंग का प्रयोग न करें।
- अग्रि तत्व से संबंधित दक्षिण दिशा में लाल एवं नारंगी रंग श्रेष्ठ, हरा रंग मध्यम तथा काला और नीला रंग अशुभ प्रभाव देता है।
- दक्षिण-पूर्व दिशा में हल्का रंग श्रेष्ठ, नीला एवं काला रंग मध्यम तथा सफेद अशुभ होता है।
- पूर्व दिशा में हरा रंग शुभ फलदायी, नीला और काला रंग मध्यम दर्जे का तथा सफेद अशुभ होता है।
- मध्य दिशा में पीला और मटमैला रंग शुभ, लाल एवं नारंगी रंग मध्यम तथा हरा रंग अशुभ होता है।
- घर की बाहरी दीवारों पर सामान्यत: सफेद, हल्का पीला और क्रीम रंग का प्रयोग करना चाहिए।
भवन की आंतरिक दीवारों के रंग
रसोई: पीला, क्रीम, छत सफेद
डाइनिंग रूम: पीला, क्रीम, छत सफेद
स्टोर रूम: पीला, हल्का ब्राऊन, छत सफेद
बच्चों का बेडरूम: हल्का हरा, सफेद, गुलाबी, छत सफेद
बाथरूम: भूरा, मैरून, क्रीम, पीला, छत सफेद
गेस्ट रूम : हल्का हरा, पीला, सफेद, क्रीम, छत सफेद
दंपत्ति का बेडरूम : आसमानी नीला, रायल नीला, रायल ब्राऊन, गुलाबी
पूजा कक्ष : पीला, नारंगी, पीला, क्रीम, हल्का ब्राऊन, छत सफेद
ड्राइंग रूम : रॉयल ब्राऊन, हल्का नीला, सफेद, पीला, क्रीम, छत सफेद
नोट : छत का रंग हमेशा सफेद रखवाना ही शुभ होता है। शयन कक्ष सबसे महत्वपूर्ण कमरा है जहां व्यक्ति अपने थके मन-मस्तिक व शरीर को दोबारा एनर्जेटिक करता है इसलिए वहां सुखद रंगों का प्रयोग लाभदायक रहता है।