ग्वालियर कलेक्टर के बाद अब चर्चा में महिला एसडीएम की अनूठी पहल

ग्वालियर कलेक्टर के बाद अब चर्चा में महिला एसडीएम की अनूठी पहल

इंदौर
विकास की अंधी दौड़ में लोग पेड़-पौधों की अंधाधुंध कटाई कर रहे हैं, जिससे ग्लोबल वार्मिंग की समस्या पैदा हो गई है। पर्यावरण का संतुलन बिगड़ने लगा है। गर्मी में अधिक गर्मी तो सर्दी में अधिक सर्दी पड़ती है। पर्यवरण के इस बिगड़ते संतुलन को सँभालने प्रदेश के अफसरों ने बीड़ा उठाया है| ग्वालियर कलेक्टर के बाद अब इंदौर में महिला एसडीएम ने पर्यावरण को लेकर अनूठी पहल की शुरुआत की है, जो चर्चा का विषय बन गई है।

इंदौर के मल्हारगंज की एसडीएम श्रीलेखा श्रोत्रिय ने पर्यावरण को लेकर लोगों में  जागरूकता के लिए नवाचार की शुरुआत की है, जिसके अनुसार, अगर आपको बोरिंग, डायवर्शन, धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन की अनुमति चाहिए तो इसके लिए पहले पांच पौधे लगाना होंगे। साथ ही इसका फोटो खींचकर शेयर करना होगा। एसडीएम की इस पहल की चारों और चर्चा हो रही है, और लोग बढ़ चढ़ कर इस पहल में उनका साथ दे रहे है। इसके पीछे एसडीएम का उद्देश्य शहर में हरियाली को बढ़ावा और लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरुक करना है। ताकी लोग पौधरोपण को लेकर गंभीर हो और उनकी देखभाल करे, ताकी आने वाली पीढ़ी को हरियाली मिल सके। 

एसडीएम श्रीलेखा श्रोत्रिय का कहना है, आवेदक एक पौधा भी लगाता है तो उनका उद्देश्य पूरा हो जाएगा। जाति, मूल निवासी प्रमाण पत्र या अन्य आवेदन पर एक या दो पौधे भी लगाने के लिए प्रेरित किया जाता है। अभी तक 15 से 20 आवेदक पौधारोपण कर चुके हैं। यदि कोई आवेदक तर्क देता है कि मेरे यहां बड़ा गार्डन है, घर के सामने जगह नहीं है तो गार्डन या फिर पड़ोसी को आपत्ति न हो तो उसके यहां पौधे लगाने की सलाह भी देती हैं। फिर भी आवेदक तैयार नहीं होता है तो अपने ऑफिस में पौधे बुला लेती हैं, ताकि कहीं और लगाए जा सकें।

एसडीएम ने बताया कि पौधारोपण करने के साथ ही उनकी देखभाल का जिम्मा भी आवेदक का होता है। इसके लिए भी तैयार हैं। वे अपने क्षेत्राधिकार में आने वाली बिजासन माता टेकरी को कॉर्पोरेट-सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) के तहत मंदिर तक के मार्ग को हरा-भरा करेंगी। इसके लिए एक निजी कंपनी भी तैयार है। यहां घने छायादार और फलदार पौधे लगाने की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। आवेदक भी इसके लिए राजी हो रहे हैं।

पर्यावरण प्रेमी ग्वालियर कलेक्टर अनुराग चौधरी ने इस पहल की शुरुआत की थी।  उन्होने लायसेंसी हथियार की चाहत रखने वालों के साथ एक अनूठी शर्त रख दी है। शर्त के अनुसार हथियार का लायसेंस पाने के लिए आवेदक को अब अपने घर के आसपास एक पौधा लगना होगा । इस पौधे की एक महीने तक सेवा करनी होगी फिर एक महीने के पौधे के साथ सेल्फी लेकर कलेक्टर को प्रस्तुत करनी होगी तब कहीं जाकर लायसेंस जारी हो सकेगा। आवेदक झूठ ना बोल सके इस बात का ध्यान भी कलेक्टर ने रखा है, इसकी जांच सम्बंधित क्षेत्र का पटवारी करेगा। कलेक्टर की इस पहल से प्रेरित होकर अब अन्य जिलों के अफसर भी अपना रहे हैं, जिससे उम्मीद की जा सकती है, अन्य विभागों के अफसर भी कुछ इस तरह के नवाचार शुरू कर सकते हैं।