जानिए वजह , आज से मंत्री नहीं रहेंगे नीरज कुमार और डॉ.अशोक चौधरी

पटना
बिहार विधानसभा के अंतिम चरण के लिए कल मतदान होना है। इस बीच नीतीश सरकार के दो मंत्री आज से कैबिनेट का हिस्सा नहीं रहेंगे। ये मंत्री हैं जनता दल यूनाइटेड के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष डॉ.अशोक चौधरी और वरिष्ठ नेता नीरज कुमार। संवैधानिक बाध्यता के चलते यह निर्णय लिया गया है। ये दोनों बिहार विधान परिषद के सदस्य थे। दोनों की सदस्यता छह मई 2020 को खत्म हो गई थी। संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक विधानमंडल के किसी सदन का सदस्य रहे बगैर कोई छह महीने से ज्यादा मंत्री पद पर नहीं रह सकता।
डॉ.अशोक चौधरी बिहार सरकार में भवन निर्माण मंत्री और नीरज कुमार सूचना एवं जनसम्पर्क मंत्री हैं। राज्य सरकार के मंत्रिमंडल समन्वय विभाग ने इस बारे में गुरुवार की शाम आर्टिकिल 164 (4) के तहत अधिसूचना जारी की। अशोक चौधरी 2014 में विधान परिषद के सदस्य बने थे। विधान परिषद सदस्य के रूप में उनका कार्यकाल पिछले मई महीने में खत्म हो गया था। नीरज कुमार की सदस्यता भी छह मई को खत्म हो गई थी।
बिहार, देश के सात राज्यों में से एक है जहां द्विसदनीय विधानमंडल है। विधानपरिषद उच्च सदन और विधानसभा निचला सदन होता है। छह मई 2020 को पटना स्नातक निर्वाचन सहित छह सीटें खाली हुई थीं लेकिन कोरोना की वजह से इन सीटों पर चुनाव नहीं हो सका।
बिहार विधानसभा चुनाव के बीच ही स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों के लिए 22 अक्टूबर को मतदान हुआ था। इसके परिणाम 12 नवम्बर को आने वाले हैं। नीरज कुमार भी इसमें उम्मीदवार हैं। नीरज कुमार जहां स्नातक निर्वाचन से एमएलसी थे वहीं डा.अशोक चौधरी उच्च सदन के मनोनीत सदस्य थे। उच्च सदन में 12 सीटों पर मनोनयन होना है लेकिन एनडीए के तीन घटक दलों (भाजपा, जद यू और लोजपा) के बीच सहमति न बन पाने के चलते यह नहीं हो पाया। अब नई सरकार के गठन के बाद ही यह हो सकेगा।
शुक्रवार को कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद मिश्र ने एक ट्वीट कर दोनों मंत्रियों के कैबिनेट में बने रहने को असंवैधानिक बताया और राज्यपाल से दोनों को हटाने की मांग की। हालांकि नीरज कुमार ने बताया कि उन्होंने खुद इस बारे में कैबिनेट सचिव से बात की थी। उन्होंने उन्हें जानकारी दी थी कि प्रक्रिया जारी है और समय पर नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा। नीरज कुमार ने कहा कि नीतीश सरकार में प्रक्रियाओं का पालन होता है। लेकिन कुछ लोग अभी भी उसी दौर में जी रहे हैं जब नियमों की परवाह नहीं की जाती थी। उन्होंने कहा कि अब मैं कैबिनेट का हिस्सा नहीं हूं। यह स्वाभाविक और प्रावधानों के अंतर्गत है। सम्बन्धित विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। उधर, प्रेमचंद मिश्र ने कहा कि संवैधानिक मर्यादाओं के अनुसार दोनों मंत्रियों को उसी दिन इस्तीफा दे देना चाहिए था जिस दिन उनकी सदस्यता खत्म हुई। छह महीने का प्रावधान नए मंत्रियों के लिए है।
तीसरे चरण के चुनाव प्रचार का शोर थमा, मतदान कल
बिहार विधानसभा आम चुनाव के तीसरे व अंतिम चरण में 15 जिलों की 78 सीटों पर होने वाले मतदान को लेकर प्रचार का शोर थम गया। सभी दलों के नेताओं व उम्मीदवारों ने अपने पक्ष में मतदाताओं को गोलबंद करने के लिए गुरुवार को पूरी ताकत झोंक दी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव, रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा, लोजपा चिराग पासवान सहित अन्य नेता पूरे दिन विभिन्न चुनाव क्षेत्रों में जनसभाओं में शामिल हुए। इस चरण वाले निर्वाचन क्षेत्रों में सात नवंबर को मतदान होगा। चार विधानसभा क्षेत्रों में सुबह सात बजे से शाम चार बजे तक और शेष 74 विधानसभा क्षेत्रों में सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक मतदान होगा।
तीसरे चरण में 78 सीटों के लिए 1204 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला होगा। इस चरण में 1094 पुरुष व 110 महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। इस चरण में विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव, विनोद नारायण झा, रमेश ऋषिदेव, नरेंद्र नारायण यादव, बीमा भारती, लक्ष्मेश्वर राय, खुर्शीद उफ फिरोज अहमद, वीआईपी के अध्यक्ष मुकेश सहनी, पूर्व मंत्री अब्दुल जलील मस्तान, शरद यादव की पुत्री सुभाषिनी यादव, पूर्व मंत्री चंद्रशेखर, पूर्व सांसद लवली आनंद, अब्दुलबारी सिद्दिकी, शिवचंद्र राम, रमई राम सहित अन्य प्रमुख नेताओं के भाग्य का फैसला होगा।