पुराने साहित्य को पुनर्जीवित करना चाहती हैं कविता सेठ

मुंबई
गायिका कविता सेठ (Kavita Seth) सूफी संगीत व प्राचीन कविताओं से अपने प्यार को लेकर मुखर रही है। वह जल्द ही आठ गीतों के एक एल्बम को लॉन्च करेंगी। ये गीत अमृता प्रीतम के कार्य पर आधारित हैं। अमृता प्रीतम को ‘अज्ज आखां वारिस शाह नूं’ और ‘मैं तेनू फिर मिलंगी’ जैसी कविताओं के लिए जाना-जाता है।
‘मैं कविता हूं’ एल्बमों की एक श्रृंखला है और साथ ही साथ भारतीय कवियों की कृतियों का संगीत कार्यक्रम भी हैं। गीतों को कविता द्वारा गाया गया है, साथ ही साथ कंपोज किया गया है।
‘मैं कविता हूं’ के अलावा गायिका ने विभिन्न कवियों जैसे मिर्जा गालिब और वसीम बरेलवी के कार्य को अपना रूप दिया है। वह अब आठ गीतों के अपने एल्बम को रिलीज करने को तैयार हैं, जो अमृता प्रीतम के कार्य पर आधारित है।
कविता ने कहा, ‘‘मुझे याद है जब मैंने पहली बार अमृताजी की कविताओं को पढ़ा, मैं इतनी मंत्रमुग्ध हो गई कि मुझे लगा कि इन कविताओं के साथ मुझे कुछ करना है और लोगों तक इसे पहुंचाना है, खास तौर से नई पीढ़ी के दर्शकों तक, जिन्हें इस कविताओं को पढऩे का अवसर नहीं मिला। उनके बेहद गहराई से लिखे गए हर शब्द से मैं खुद को जुड़ा पाती हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं उनके समय से पूर्व रहने व निर्भिकता के साथ रूढि़वादिता को तोडऩे की सराहना करती हूं। हमारे कवियों के अमूल्य कार्य को पुनर्जीवित करना, साझा करना व फैलाना महत्वपूर्ण कार्य है।’’