बागी बिगाड़ेंगे बीजेपी-कांग्रेस का खेल! सटोरिए लगा रहे निर्दलीयों पर दांव

बागी बिगाड़ेंगे बीजेपी-कांग्रेस का खेल! सटोरिए लगा रहे निर्दलीयों पर दांव

जयपुर 
राजस्थान विधानसभा की 200 सीटों में से 25 ऐसी सीटें हैं, जहां सटोरिए निर्दलीय उम्मीदवारों पर दांव लगा रहे हैं। दरअसल, बीजेपी और कांग्रेस के बीच हमेशा द्विध्रुवीय मुकाबले वाले इस राज्य में इस बार दोनों पार्टियों के ही बागी नेता इनके आधिकारिक उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में कड़ी टक्कर देते दिख रहे हैं।  
राजस्थान विधानसभा चुनाव के बिगुल के साथ ही टिकट नहीं मिलने पर दोनों ही पार्टियों के कई नेता बगावत पर उतर आए। ऐसे में कांग्रेस जहां 28 बागी नेताओं को 6 साल के लिए पार्टी से बाहर कर चुकी है, वहीं बीजेपी ने 13 बागियों को पार्टी से निकाल दिया है। 
राजनीतिक विश्लेषक राजवीर सिंह ठाकुर कहते हैं, राजस्थान में 135 ऐसी सीटें हैं जहां लड़ाई केवल बीजेपी और कांग्रेस के बीच है। 35 सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है। वहीं 25 ऐसी सीटें हैं जहां चतुष्कोणीय मुकाबला भी दिख रहा है। बता दें कि कांग्रेस ने यहां गठबंधन में शामिल पार्टियों को 5 सीटें दी हैं। इसमें आरएलडी को 2 सीट, शरद यादव की पार्टी एलजेडी को 2 सीट और एनसीपी को एक सीट शामिल है। 

बीजेपी के प्रमुख बागी नेता जो कर सकते हैं उलटफेर:

हेमसिंह भडाना 
विधानसभा सीट- थानागाजी 
राजे सरकार में मोटर गैराज मंत्री रहे हैं। दो बार के विधायक हैं और गुज्जर समाज में इनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है। 
क्या कहा- पार्टी ने मुझे मौका नहीं दिया। मैं पार्टी को सबक सीखाऊंगा। 

राजकुमार रिणवा 
विधानसभा सीट- रतनगढ़ 
राजस्थान सरकार में देवस्थान मंत्री। मजबूत ब्राह्मण चेहरा। तीन बार विधायक रहे हैं। बीएसपी से बीजेपी में शामिल हुए अभिनेश महर्षि को कड़ी टक्कर देते दिख रहे हैं। 
क्या कहा- मेरी जीत सुनिश्चित है। मुझे नहीं मालूम की पार्टी ने मुझे टिकट क्यों नहीं दिया जबकि मैंने लगातार तीन बार यहां जीत चुका हूं। 

धन सिंह रावत 
विधानसभा सीट- बांसवाड़ा 
प्रभाव- पंचायती राज राज्य मंत्री। आदिवासी बांसवाड़ा सीट पर मजबूत पकड़। बीजेपी और कांग्रेस दोनों को तगड़ा झटका दे सकते हैं। 
क्या कहा- यह मेरे लिए आश्चर्यजनक था कि पार्टी ने मुझे टिकट नहीं दिया। पर, मैं जीतकर बीजेपी को गलत साबित करूंगा। 

सुरेंद्र गोयल 
विधानसभा सीट- जैतारण 
प्रभाव- जन स्वास्थ्य और अभियांत्रिकी मंत्री। मारवाड़ क्षेत्र में काफी लोकप्रिय और मजबूत माने जाते हैं। गोयल 5 बार विधायक रहे हैं। 
क्या कहा- मेडिकल ग्राउंड पर पार्टी ने मुझे टिकट देने से मना कर दिया। पर, मैं फिट हूं और जीतकर उन्हें दिखाऊंगा। 

ओम प्रकाश हुड़ला 
विधानसभा सीट- महुआ 
प्रभाव- संसदीय सचिव। मीणा समाज में मजबूत पकड़। तेजतर्रार युवा नेता की छवि। 
क्या कहा- बिना किसी कारण मेरा टिकट काटा गया। एक वरिष्ठ नेता ने साजिश के तहत मेरा टिकट कटवाया है। लेकिन मेरी जीत के साथ पार्टी को सबक मिल जाएगा। 

कांग्रेस के प्रमुख बागी नेता जो कर सकते हैं उलटफेर: 
महदेव सिंह खंडेला 
विधानसभा सीट- खंडेला 
प्रभाव- पूर्व केंद्रीय मंत्री। पांच बार के विधायक। एक बार सांसद और केंद्र में मंत्री। अपनी विधानसभा में मजबूत पकड़ रखते हैं। कांग्रेस और बीजेपी को कड़ी चुनौती देने के साथ चुनाव जीतने का भी दमखम रखते हैं। 
क्या कहा- खंडेला के लोग कांग्रेस से नाराज हैं। यह तय है कि मैं यहां बड़ी जीत दर्ज करूंगा। 

बाबू लाल नागर 
विधानसभा सीट- दूदू 
प्रभाव- पूर्व खाद्य आपूर्ति मंत्री। एक बार के मंत्री। रेप केस के आरोपी। हालांकि इस चुनाव में वह मुकाबले में बहुत मजबूत नहीं दिख रहे हैं। 
क्या कहा- मैं पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता रहा हूं। पर, पार्टी ने टिकट नहीं दिया। मैं अकेले लड़ूंगा और साबित करूंगा। 

नाथूराम सिनोदिया 
विधानसभा सीट- किशनगढ़ 
प्रभाव- सिनोदिया कांग्रेस के वर्तमान आधिकारिक प्रत्याशी के सलाहकार रह चुके हैं। सिनोदिया ने ही उन्हें पंचायत समिति का सदस्य बनवाया था। ऐसे में वह कड़ी टक्कर दे सकते हैं। 
क्या कहा- मैं चुनाव लड़ना चाहता था। पार्टी से टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय लड़ने का फैसला किया। 

रामकेश मीणा 
विधानसभा सीट- गंगापुर सिटी 
प्रभाव- पूर्व संसदीय सचिव। मजबूत आदिवासी चेहरा। हो सकता है कि वह जीत न पाएं लेकिन रिजल्ट पर असर जरूर डालेंगे। 
क्या कहा- मैं उम्मीद कर रहा था कि पार्टी टिकट देगी। मैं पिछले 5 साल से कड़ी मेहनत कर रहा था इसलिए निर्दलीय ही चुनाव लड़ने का फैसला किया। 

सीएल प्रेमी 
विधानसभा सीट- केशवरायपाटन 
प्रभाव- पूर्व विधायक। अंतिम समय में इनका टिकट काटकर युवा चेहरे राकेश बोयात को मौका दिया गया था। यह भी इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के लिए चुनौती हो सकते हैं। 
क्या कहा- यह अपमानित करने जैसा है।