बैगा आदिवासी समाज के अग्निकांड में अब तक मुकदमा दर्ज नहीं
उमरिया
बैगा आदिवासी समाज की बारात में परम्परा के नाम पर हुड़दंग से भमका (मशाल) जलाने के दौरान हादसे में दो मासूमों की मौत और दर्जन भर लोगों के घायल होने का मामला ठंडे बस्ते में चला गया है. यह हादसा 21 जून को उमरिया के ताली गांव में हुआ था. इस दर्दनाक हादसे के दस दिन गुजर जाने के बाद भी पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया है. घटना में घायल एक महिला की हालत नाजुक बनी हुई है.गौरतलब है कि घटना की सूचना पुलिस को तत्काल हो गई थी और डायल 100 के जरिये ही घायलों को अस्पताल पंहुचाया गया लेकिन पुलिस ने इसको आपराधिक मामले की दृष्टि से नहीं देखा.वहीं इस विशेष संरक्षित जाति के घायलों को देखने ना कोई पुलिस-प्रशासन का आला अधिकारी पहुंचा और ना कोई नेता.
उमरिया जिले के ताली गांव में 21 जून को सरमन बैगा के बिटिया की बारात में परम्परा के नाम पर शराबी युवकों की हुड़दंग ने दो मां की गोद सूनी कर दी लेकिन पुलिस की निगाह वहां तक नहीं पंहुच पाई है.दरअसल पूरा मामला बैगा आदिवासी समाज के बारात की अगवानी के लिए मशाल जलाने में तीन शराबी युवकों के हुड़दंग का है. हुड़दंग से वहां आग भड़क गई और दर्जन भर लोग घायल हो गए. आलम यह था कि जलने वाले के साथ बचाने वाले भी कई लोग घायल हो गए. हादसे में दस वर्षीय मासूम आशीष बैगा की अस्पताल पंहुचने के बाद मौत हो गई जबकि सात साल की मासूम लड़की शालू ने 29 जून को दम तोड़ दिया. अभी एक महिला की हालत चिंताजनक बनी हुई है. ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस घटना में लीपापोती कर आरोपियों को बचाने में जुटी है.