राजनांदगांव सीट से अब तक कोई भी लगातार 3 बार नहीं जीता, अगर रमन जीते तो टूट जाएंगे ये सभी रिकार्ड

 राजनांदगांव सीट से अब तक कोई भी लगातार 3 बार नहीं जीता, अगर रमन जीते तो टूट जाएंगे ये सभी रिकार्ड

राजनांदगांव
 चुनाव निपटने के बाद अब राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी जीत के दावे करने शुरू कर दिए हैं। इस बार मतदाताओं ने किस पर भरोसा जताया है यह 11 दिसम्बर को मतगणना के साथ पता चलेगा। इस बीच प्रदेश की सबसे हाईप्रोफाइल सीट राजनांदगांव में पूरे प्रदेश की निगाह लगी हुई है। इस सीट का परिणाम जो भी हो, यह रिकार्ड बनाने और रिकार्ड तोडऩे वाला होगा।

राजनांदगांव विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह तीसरी बार भाजपा की टिकट से चुनाव मैदान में थे। कांग्रेस ने उनके मुकाबले में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करूणा शुक्ला को मैदान में उतारकर मुकाबला दिलचस्प कर दिया था। करीब पखवाड़े भर चले चुनाव प्रचार ने एक बात तो साबित कर दिया कि इस बार कांग्रेस ने भाजपा को तगड़ी चुनौती दी है। यही वजह है कि कांग्रेसी इस बार पूरे जोर शोर से जीत के दावे कर रहे हैं। हालांकि भाजपा भी अपनी जीत का दावा करने में पीछे नहीं हैं।

लगातार 3 बार किसी ने भी नहीं जीता राजनांदगांव सीट
फिलहाल डॉ. रमन सिंह दो बार विधायक रहने वाले क्लब में शामिल हंै। इस क्लब में तीन बार जीतने वाले शुक्ल के अलावा कांग्रेस के उदय मुदलियार (अब दिवंगत) और भाजपा के लीलाराम भोजवानी शामिल हैं। हालांकि मुदलियार और भोजवानी लगातार नहीं चुने गए थे।

रमन जीते तो बनेगा यह रिकार्ड
राजनांदगांव से अब तक एक ही पार्टी से लगातार तीन बार कोई भी चुनाव नहीं जीत सका है। इस बार यदि डॉ. रमन सिंह यहां से जीतते हैं तो वे लगातार तीन बार जीत का नया रिकार्ड बना सकते हैं। हालांकि यहां से तीन बार विधायक रहने का रिकार्ड जिले के निर्माता कहे जाने वाले किशोरी लाल शुक्ल के पास है लेकिन वे भी लगातार तीन बार नहीं जीत पाए थे। दो बार कांग्रेस की टिकट से चुनाव जीतने के बाद जनता लहर में उनको हार का सामना करना पड़ा था और इसके बाद हुए चुनाव में वे निर्दलीय विधायक बने थे।

करूणा जीती तो बनेगा यह रिकार्ड
कांग्रेस की प्रत्याशी रहीं करूणा शुक्ला यदि यहां से चुनाव जीतती हैं तो वे पहली ऐसी विधायक होंगी जो इस संसदीय क्षेत्र के बाहर की निवासी होंगी। हालांकि विधानसभा क्षेत्र के मतदाता नहीं होने के मामले में वे डॉ. रमन सिंह के बाद दूसरे नंबर पर होंगी। डॉ. रमन कवर्धा के मतदाता हैं जबकि करूणा शुक्ला का नाम रायपुर की मतदाता सूची में है। इससे पहले 1957 से लेकर 2003 तक बने बाकी सारे विधायक राजनांदगांव विधानसभा क्षेत्र के निवासी रहे हैं और उन्होंने अपने लिए मतदान किया है।

कांग्रेस का रहा है यहां सबसे ज्यादा बार कब्जा
वर्ष 1957 से लेकर 2013 तक 13 बार यहां चुनाव हुए हैं। इसमें से सर्वाधिक छह बार कांग्रेस का यहां से विधायक रहा है। भाजपा ने चार बार यहां परचम लहराया है। यहां से पहले विधायक पीपुल्स सोशलिस्ट पार्टी (पीएसपी) के रहे हैं जबकि एक-एक बार जनता पार्टी और निर्दलीय पर जनता ने भरोसा जताया है।

वर्ष - विधायक
1957 - जेपीएल फ्रांसिस (पीएसपी)
1962 - एकनाथ (कांग्रेस)
1967 - किशोरीलाल शुक्ल (कांग्रेस)
1972 - किशोरीलाल शुक्ल (कांग्रेस)
1977 - ठाकुर दरबार सिंह (जनता पार्टी)
1980 - किशोरीलाल शुक्ल (निर्दलीय)
वर्ष - विधायक
1985 - बलबीर खनुजा (कांग्रेस)
1990 - लीराराम भोजवानी (भाजपा)
1993 - उदय मुदलियार (कांग्रेस)
1998 - लीराराम भोजवानी (भाजपा)
2003 - उदय मुदलियार (कांग्रेस)
2008 - डॉ. रमन सिंह (भाजपा)
2013 - डॉ. रमन सिंह (भाजपा)