लक्ष्य सुपोषण अभियान का अनौपचारिक शुभारंभ

लक्ष्य सुपोषण अभियान का अनौपचारिक शुभारंभ

रायपुर
कलेक्टर डॉ. एस. भारतीदासन ने आज रायपुर के संतोषी नगर के समीप सतनाम सामाजिक भवन में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्र से लक्ष्य सुपोषण अभियान का अनौपचारिक रूप से शुभारंभ किया। इस अभियान का उद्देश्य जिले के 850 गंभीर कुपोषित सहित 5500 कुपोषित बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाते हुए सामान्य एवं स्वस्थ्य बच्चों की श्रेणी में लाना है। इस अभियान को शीघ्र पूरे जिले में विधिवत् रूप से शुरू किया जाएगा।

इस अवसर पर कलेक्टर डॉ. एस. भारतीदासन, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. गौरव कुमार सिंह, सुप्रसिद्ध शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक भट्टर ने सतनाम सामाजिक भवन के आंगनबाड़ी केन्द्र के 8 गंभीर कुपोषित बच्चों को अपने हाथों से सुपोषित आहार दिया। उन्होंने पालकों विशेषकर माताओं से अनुरोध किया कि अपने बच्चों को कुपोषण के दुष्चक्र से मुक्ति दिलाने के लिए व्यक्तिगत रूचि लें और समय निकाल कर बच्चों के स्वास्थ्य पर ध्यान दें। अभियान के तहत शून्य से पांच वर्ष तक के आयु के गंभीर कुपोषित बच्चों को शामिल किया गया है। शून्य से तीन वर्ष आयु तक के कुपोषित बच्चों तक सुविधाजनक रूप से पहुंचने की दृष्टि से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अथवा सहायिका स्वयं बच्चों के घर पहुंचकर उनकी माता और बच्चों को सुपोषित भोजन देना सुनिश्चित करेंगी। दोपहर के समय आंगनबाड़ी केन्द्रों में ऐसे बच्चों की माताओं के लिए गर्मागर्म सुपोषित भोजन देने की व्यवस्था भी की जाएगी।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने कहा कि इस अभियान के तहत हर कुपोषित बच्चों की हेल्थ स्क्रीनिंग कर नियमित मॉनीटरिंग की जाएगी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका द्वारा ऐसे बच्चों सुपोषित भोजन एवं नास्ता दिया जाना सुनिश्चित करने के साथ उनकी मां को आंगनबाड़ी केन्द्र में गर्मागर्म सुपोषित भोजन दिया जाएगा। इसके लिए साप्ताहिक मीनू भी निर्धारित किया जाएगा। महतारी जतन योजना के माध्यम से भी अधिक से अधिक गर्भवती महिलाओं को लाभांवित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रति गंभीर कुपोषित बच्चों पर आगंनबाड़ी कार्यकतार्ओं और सहायिका को सौ रूपए की अतिरिक्त मानदेय की राशि दी जाएगी। इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्री अशोक पाण्डेय भी उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सोच एवं मंशा के आधार पर रायपुर जिले के सभी बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए विशेष कार्य योजना बनायी गई है। पोषण पुनर्वास केन्द्र की तरह जिले के सभी संबंधित आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से कुपोषित बच्चों को सुपोषित भोजन दिया जाएगा।