संगीतकार खय्याम के निधन पर दुखी हुईं लता मंगेशकर, बोलीं- 'मुझे अपनी छोटी बहन मानते थे'

नई दिल्ली
मशहूर संगीतकार खय्याम (Khayyam) का सोमवार को मुंबई (Mumbai) के सुजॉय अस्पताल में निधन हो गया। उनकी मौत की वजह कार्डिएक अरेस्ट बताई जा रही है। खय्याम 92 साल के थे। उन्हें तबीयत खराब होने के चलते कुछ दिन पहले अस्पताल लाया गया था। इससे पहले 16 अगस्त को उनके आईसीयू में होने और हालत नाजुक होने की रिपोर्ट्स सामने आई थीं। जानकारी के अनुसार वह गंभीर लंग इंफेक्शन से भी जूझ रहे थे। खय्याम के निधन के बाद बॉलीवुड में शोक की लहर दौड़ गई है। बॉलीवुड के कई सितारों ने सोशल मीडिया के जरिए खय्याम के निधन पर अपना शोक व्यक्त कर रहे हैं। इसी बीच खय्याम के निधन की खबर सुनकर सुरों की मल्लिका लता मंगेशकर भी बेहद दुखी हैं।लता मंगेशकर ने ट्वीट कर खय्याम को भावभिनी श्रध्दाजंली दी हैं।
लता मंगेशकर ने ट्विटर पर दुख जताया और उन्हें एक महान संगीतकार लेकिन दयालु शख्स बताया। उन्होंने ट्वीट किया कि महान संगीतकार और कोमल हृदय वाले खय्याम साहब अब हमारे बीच नहीं हैं। यह खबर सुनकर मैं बेहद दुखी हूं, मैं इन्हें शब्दों में बयां नहीं कर सकती हूं। खय्याम साहब के जाने के साथ संगीत के एक युग का अंत हो गया। मैं उन्हें दिल से श्रद्धांजलि देती हूं।
Mahan sangeetkar Aur bahut nek dil insan Khayyam sahab aaj humare bich nahi rahe. Ye sunkar mujhe itna dukh hua hai jo main bayaa’n nahi kar sakti.Khayyam sahab ke saath sangeet ke ek yug ka anth hua hai.Main unko vinamra shraddhanjali arpan karti hun. pic.twitter.com/8d1iAM2BPd
— Lata Mangeshkar (@mangeshkarlata) August 19, 2019
इसके बाद मंगेशकर ने एक और ट्वीट किया, उन्होंने लिखा कि खय्याम ने उनकी पसंद के धुन रचे और इसलिए उनके साथ काम करना उन्हें पसंद था लेकिन वह डरती भी थीं क्योंकि वह अपने काम को पूरी शिद्दत से करते थे। उन्होंने कहा कि खय्याम साहब मुझे अपनी छोटी बहन की तरह मानते थे। मेरे लिये वह अपने खास गाने रचते थे। मुझे उनके साथ काम करना पसंद था लेकिन मैं थोड़ा डरती भी थी क्योंकि वह अपने काम को पूरी शिद्दत से करते थे, उनमें कोई कमी नहीं छोड़ते थे। उनकी समझ और शायरी का ज्ञान असाधारण था।
ज्ञात हो कि खय्याम का पूरा नाम मोहम्मद जहूर खय्याम हाशमी था लेकिन फिल्म जगत में वे खय्याम के नाम से मशहूर हुए। अपने 4 दशक लंबे करियर में खय्याम ने एक से बढ़कर एक गाने बनाए। उन्हें 1977 में 'कभी कभी' और 1982 में 'उमराव जान' के लिए बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर का फिल्मफेयर अवार्ड मिला। साल 2010 में उन्हें फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा गया। इसके अलावा साल 2007 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी, पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। 2011 में उन्हें पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया।