सरकार को आशंका, ठेकेदारों ने सड़कों के प्रोजेक्ट में की करोड़ों की रायल्टी चोरी

सरकार को आशंका, ठेकेदारों ने सड़कों के प्रोजेक्ट में की करोड़ों की रायल्टी चोरी

भोपाल
राज्य सरकार को सड़कों के सरकारी प्रोजेक्ट में करोड़ों रुपए की रायल्टी चोरी की जानकारी मिली है। इसके बाद खनिज साधन विभाग ने तय किया है कि लोक निर्माण विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग, एमपीआरडीसी और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना जैसे परियोजना इकाइयों द्वारा बनवाई जा रही सड़कों में उपयोग किए गए खनिज की रायल्टी की जांच कराई जाएगी। विभाग का मानना है कि ठेकेदारों ने अफसरों के साथ मिलकर रायल्टी चोरी की है। इस जांच के बाद इसका व्यापक खुलासा हो सकता है।

इसके लिए ठेकेदारों को जारी नो ड्यूज सर्टिफिकेट में बताई गई खनिज की मात्रा का मिलान सड़क बनाने के लिए बुलाए गए टेंडर के साथ जारी शेड्यूल में दर्ज खनिज की मात्रा से कराया जाएगा। इसके आधार पर रायल्टी की चोरी की जानकारी निकाली जाएगी और अगर चोरी हुई है तो उसकी वसूली ठेकेदार से की जाएगी। इसके साथ ही ठेकेदार को जारी किए गए नो ड्यूज सर्टिफिकेट के पहले किए गए कर निर्धारण जिसमें ईटीपी की सूची, ठेकेदार द्वारा जमा चालान आदि की जानकारी दर्ज रहती है, उन दस्तावेजों की जांच भी कराई जाएगी।

जांच टीम को एक फार्मेट भी जारी किया गया है जो ठेकेदार के रोड प्रोजेक्ट का विवरण देने के साथ टेंडर के अनुसार प्रोजेक्ट में उपयोग वाले खनिज की मात्रा और जमा की गई रायल्टी की मात्रा और राशि की जानकारी दर्ज करेगा। साथ ही जारी नोड्यूज के अनुसार खनिज की मात्रा और हुई गड़बड़ी को बताएगा।

विभाग ने इसकी जांच के लिए टीम गठित की है जो संभागवार रिपोर्ट देगी। इस टीम का अध्यक्ष संचालक भौमिकी तथा खनिकर्म को बनाया गया है जबकि सदस्यों में संयुक्त संचालक (भोपाल, नर्मदापुरम संभाग के लिए) और इंदौर, ग्वालियर, रीवा, जबलपुर संभागों के लिए क्षेत्रीय प्रमुख सदस्य होंगे। सभी क्षेत्रीय प्रमुख अपने प्रभार के संभागों में जिला कार्यालय और संयुक्त संचालक भोपाल व नर्मदापुरम संभाग के जिलों द्वारा रायल्टी चुकता किए जाने के प्रमाण पत्र की जांच करेंगे। यह जांच एक माह में पूरी की जाएगी।