एशियाड कांस्य विजेता हर्षिता की नजर अब ओलंपिक क्वालीफाई पर
भोपाल
अब तक देश विदेश में अपने बेजोड़ खेल से पदक जीत चुकी हर्षिता को इतना सम्मान नहीं मिला था, जितना इस बार जकार्ता एशियाड में कांस्य पदक जीतने पर मिला। भारी संख्या में एयरपोर्ट पर लोग पहुंचे थे। 16 वर्ष की हर्षिता इतने आत्मीय आदर सत्कार से खुश है।
कोच की उम्मीद, माता-पिता का भरोसे पर खरी उतरी हर्षिता तोमर ने पुरुष के वर्चस्व वाले ओपन 4.7 लेजर इवेंट में कांस्य पदक जीतकर प्रदेश और देश का नाम रोशन करने वाले हर्षिता का लक्ष्य अब 2020 टोक्यो ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करना है। रविवार को भोपाल में हुए सम्मान को देखकर हर्षिता बहुत खुश है।
उसने कहा कि अब में दोगुनी ऊर्जा के साथ ओलिंपिक में क्वालीफाई करने में जुट जाउंगी। मुझे कोच जीएल यादव और खेल विभाग ने सभी सुविधाएं दी है। इसी का परिणाम है कि आज में एशियाड में व्यक्तिगत इवेंट में देश के लिए पदक जीतने में सफल रही हूं। एशियाड के लिए लम्बे समय तक देश के बाहर रही हूं। अब मैं अपने पढ़ाई पर भी ध्यान दूंगी। मुख्यमंत्री द्वारा 50 लाख की पुरस्कार राशि पर हर्षिता ने कहा कि मेरा काम देश के लिए पदक जीतना था, वह मैंने पूरा कर दिया है। सरकार पुरस्कार दे या न दे मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
हर्षिता के कोच जीएल यादव ने कहा कि हर्षिता हमारी टीम में धोनी की तरह है, वह कभी गुस्सा नहीं होती और न वह कभी टेंशन में रहती है। वह धोनी की तरह ठंडे दिमाग से अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जी जान से मेहनत करती है। पांच सालों से मेरे साथ है, सिर्फ एक बार ऐसा हुअ था जब किसी फाउल पर वह थोड़ी चिंता में दिखी थी। थोड़ी समझाईस के बाद आज तक वह कभी मुझे टेंशन में नहीं दिखी। जकार्ता में हवा ने हमारा साथ दिया है। हर्षिता ने पूरी योजना के साथ अपने खेल को हर रेस में सुधारा, गोविंद भी बेहतर कर रहा था। एक बार तो लगा कि रजत व कांस्य पदक यह दोनों जीतेंगे, लेकिन गोविंद अंतिम 3 रेस मे पिछड़ गया। गोविंद तेज हवा में और हर्षिता समान्य हवा में बेहतर खिलाड़ी है। उन्हें हवा और मौसम से संतुलन बनाना आता है।
लम्बे समय बाद राजाभोज एयरपोर्ट पर किसी खिलाड़ी के सम्मान में इतनी संख्या में लोग पहुंचे थे। खेल विभाग की विभिन्न् अकादमी के खिलाड़ी, अधिकारी व कर्मचारी, कमला नेहर स्कूल के शिक्षक और छात्रगण, परिजन और परिचतों के साथ हर्षिता की मां रानी तोमर और पिता देवेन्द्र तोमर भी इनमें शामिल थे।