रेलयात्रियों को मालिश की सुविधा पर रोक, फिर विचार करें, वरना जाएंगे कोर्ट

रेलयात्रियों को मालिश की सुविधा पर रोक, फिर विचार करें, वरना जाएंगे कोर्ट

 
इंदौर 

चलती ट्रेनों में यात्रियों को मालिश की सुविधा दिए जाने के प्रस्ताव को रेलवे द्वारा वापस लिए जाने के अगले दिन इस योजना से जुड़े स्टार्ट-अप ने रविवार को कहा कि इस ‘अनुचित’ फैसले पर दोबारा विचार किया जाए। वरना उसे मजबूरन अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा। स्थानीय फर्म कैलिप्सो के संस्थापक गौरव राणा (26) ने यहां संवाददाताओं को बताया, 'इंदौर से चलने वाली 39 ट्रेनों में यात्रियों के सिर और पैरों की मालिश की सुविधा के परिचालन के लिए पश्चिम रेलवे ने हमारी फर्म की पेशकश को बाकायदा आशय पत्र जारी कर एक वर्ष के लिये स्वीकृति दी थी। इसके बाद हमने इस सुविधा के लिये तैयारियां भी शुरू कर दी थी। लेकिन शनिवार को पश्चिम रेलवे ने हमें कोई औपचारिक सूचना दिए बगैर इस सुविधा का प्रस्ताव आनन-फानन में वापस लेने की घोषणा कर दी।'  

स्टार्ट-अप से जुड़ी करीब 30 लोगों की टीम के प्रमुख ने कहा, 'कुछ लोगों द्वारा अचानक यह गलत बात फैलाई गई कि चलती ट्रेनों में मालिश सुविधा शुरू होने से खासकर महिला यात्रियों को असुविधा या असहजता होगी। हालांकि, पहले दिन से स्पष्ट था कि इस प्रस्तावित सेवा के तहत यात्रियों के पूरे शरीर की नहीं, बल्कि केवल सिर और पैरों की मालिश की जायेगी।' राणा ने कहा, 'प्रस्तावित सर्विसेज से जुड़ी गलतफहमियों को दूर नहीं किया गया और हमारे स्टार्ट-अप की नवाचारी परियोजना की अचानक भ्रूण हत्या कर दी गई। मालिश सुविधा का प्रस्ताव रद्द करने के अपने फैसले पर रेलवे दोबारा विचार करे और इस सेवा को लेकर जनमानस में फैलीं तमाम गलतफहमियां दूर करे। वरना हमें अदालत का दरवाजा खटखटाने पर विवश होना पड़ेगा।' 

रेलमंत्री से की हस्तक्षेप की अपील 
उन्होंने कहा, 'हम रेल मंत्री पीयूष गोयल से अपील करते हैं कि वह हमारे स्टार्ट-अप को बचाएं।' पश्चिम रेलवे ने कल शनिवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा था कि उसने इंदौर रेलवे स्टेशन से शुरू होने वाली रेलगाड़ियों में यात्रियों के सिर और पैरों की मालिश की सुविधा शुरू करने के रतलाम रेल मंडल के प्रस्ताव को वापस लेने का फैसला किया है। गौरतलब है कि यह कदम लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और क्षेत्रीय बीजेपी सांसद शंकर लालवानी के रेल मंत्री पीयूष गोयल को लिखे उन सिलसिलेवार पत्रों के बाद उठाया गया जिनमें खासकर महिला यात्रियों की सुरक्षा और सहजता के विषयों का हवाला देते हुए इस योजना पर सवाल उठाए गए थे। 

रेलवे को थी अतिरिक्त कमाई की उम्मीद 
रतलाम रेल मंडल के अधिकारियों ने बताया कि योजना के तहत प्रस्ताव था कि चलती ट्रेनों में सुबह छह से रात 10 बजे के बीच यात्रियों को सिर और पैर की मालिश की सुविधा दी जाएगी। इस सेवा के बदले यात्रियों से 100 रुपये, 200 रुपये और 300 रुपये की तीन अलग-अलग पैकेज श्रेणियों में शुल्क लिया जाना तय किया गया था। अधिकारियों के मुताबिक प्रस्तावित मालिश सेवा से रेलवे के खजाने में सालाना 20 लाख रुपये जमा होने की उम्मीद थी। रेलवे का अनुमान था कि चलती ट्रेन में यात्रियों को यह सेवा प्रदान करने वाले लोग करीब 20,000 यात्रा टिकट खरीदेंगे। इससे रेलवे को हर साल लगभग 90 लाख रुपये की अतिरिक्त कमाई हो सकती थी।