जमीन अधिग्रहण अटल प्रगति पथ की प्रोग्रेस में बाधा, ग्रामीण व किसानों के विरोध के कारण सर्वे अटका 

जमीन अधिग्रहण अटल प्रगति पथ की प्रोग्रेस में बाधा, ग्रामीण व किसानों के विरोध के कारण सर्वे अटका 

भोपाल। चंबल में स्वीकृत अटल प्रगति पथ (अटल प्रोग्रेस-वे) के नए अलाइनमेंट का सर्वे ग्रामीण व किसानों के विरोध के कारण पूरा नहीं हो पा रहा है। चंबल संभाग के तीनों जिले मुरैना, भिंड और श्योपुर में 15 दिसंबर तक सर्वे पूरा होना था। समयसीमा के 11 दिन बाद भी 34 ये ज्यादा गांवों में ग्रामीण व किसानों के विरोध के कारण सर्वे अटका हुआ है। सर्वे पूरा होने के बाद ही जमीन अधिग्रहण व प्रोग्रेस-वे के ले आउट का काम आगे बढ़ेगा।

नई प्लानिंग में इस एक्सप्रेस-वे को चंबल के बीहड़ों से तीन से चार किलोमीटर दूर बनाया जाएगा

गौरतलब है, कि अटल प्रगति पथ पहले चंबल नदी किनारे बीहड़ों में बनने वाला था, जिसे नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) और केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की आपत्ति के बाद निरस्त कर दिया गया। अब नई प्लानिंग में इस एक्सप्रेस-वे को चंबल के बीहड़ों से तीन से चार किलोमीटर दूर बनाया जाएगा। एक्सप्रेस-वे चंबल संभाग के तीनों जिले मुरैना, श्योपुर और भिंड के 214 गांवों की निजी जमीन आ रही है। मुरैना जिले के 97 गांव, श्योपुर के 63 गांव और भिण्ड के 41 गांव हैं। इनमें से मुरैना जिले के 79 गांव में सर्वे पूरा हो गया, 18 गांवों में किसानों के विरोध के कारण सर्वे अटका हुआ है। इसी तरह भिंड के 10 और श्योपुर जिले के 6 गांवों में किसानों के विरोध व असहमति के कारण जमीन अधिग्रहण का सर्वे नहीं हो पा रहा है।

सर्वे टीमों को ग्रामीण अपनी जमीनों में भी नहीं जाने दे रहे
मुरैना जिले के चिन्नाौनी चंबल, बर्रेड, कोल्हूडांडा, बर्रेड, बृजगढ़ी, कोटरा, मिलौआ, नंदपुरा, देवगढ़, खिरेंटा, गोंसपुर, रायपुर, मृगपुरा, तिंदोखर, गुनापुरा, हुसैनपुर, छत्तेपुरा, ल्होरी का पुरा आदि गांव हैं, जहां सर्वे टीमों को ग्रामीण अपनी जमीनों में भी नहीं जाने दे रहे। चिन्नाौनी चंबल, गोंसपुर आदि गांवों में तो सर्वे टीमों को सर्वे करने पर पेड़ से बांधकर डालने की धमकी देकर लौटा दिया है। मुरैना जिले के 12 गांवों में तो किसानों का विरोध ऐसा है, कि जहां सर्वे टीमें जाने से डर रही हैं। इसी कारण कलेक्टर ने सर्वे टीम के साथ दो-दो पुलिसकर्मी भी तैनात करवा दिए हैं, इसके बाद भी सर्वे पूरा नहीं हो पा रहा।

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