दिवालिया होने की कगार पर पाकिस्तान, आईएमएफ को किश्त देने नहीं तैयार
इस्लामाबाद, दो महीने पहले तक पाकिस्तान के फाइनेंस मिनिस्टर रहे मिफ्ताह इस्माइल ने कहा है कि पाकिस्तान अब किसी भी वक्त डिफॉल्टर घोषित हो सकता है। एक टीवी शो के दौरान उन्होंने कहा- इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी आईएमएफ हमें नए कर्ज की किश्त देने तैयार नहीं है। इमरान खान के दौर में हमारी इकोनॉमी की जो तबाही शुरू हुई, उससे हम उबर ही नहीं सके।
आईएमएफ को धमकी दे रहे इशहाक डार
शाहबाज शरीफ सरकार के पहले वित्त मंत्री इस्माइल को सच बोलने वाला नेता माना जाता है। यही वजह है कि उनकी जगह इशहाक डार को फाइनेंस मिनिस्टर बनाया गया। वो तरह-तरह के दावे कर रहे हैं। आईएमएफ को धमकी दे रहे हैं। डार को उम्मीद है कि चीन और सऊदी अरब मिलकर पाकिस्तान को दिवालिया होने से बचा लेंगे।
75 साल में हम 23 बार दिवालिया होने की कगार पर
एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में मिफ्ताह ने कई अहम सवालों पर राय दी। कहा- सबसे जरूरी चीज यह है कि हमें मुल्क बचाना होगा। दिवालिया होने से बचना होगा। इसके लिए अब जो किया जा सकता है, वो करना होगा। मैं किसी गलतफहमी में न खुद रहता हूं और न दूसरों को रखना चाहता हूं। ये बिल्कुल सच है कि पाकिस्तान दिवालिया होने की कगार पर है। इससे बड़ी नाकामी और क्या हो सकती है कि 75 साल में हम 23 बार दिवालिया होने की कगार पर खड़े हैं। एक सवाल के जवाब में पूर्व वित्त मंत्री ने कहा- इस वक्त सबसे बड़ी जरूरत यह है कि आईएमएफ का रिव्यू पूरा हो और हमें 1.2 अरब डॉलर के कर्ज की किश्त मिले। सरकार को आईएमएफ से बातचीत जल्द पूरी करनी चाहिए और जितनी जल्दी हो सके किश्त पूरी करनी चाहिए। इकोनॉमी पर ही एक और सवाल के जवाब में इस्माइल ने कहा- अगर पाकिस्तान को दिवालिया होने की कगार तक लाने का कोई गुनहगार है तो वो इमरान खान हैं। उनके दौर में हमारी इकोनॉमी तबाह हो गई।
इस वक्त सिर्फ 6.7 अरब डॉलर का फॉरेन रिजर्व
पाकिस्तान के पास इस वक्त सिर्फ 6.7 अरब डॉलर का फॉरेन रिजर्व है। इससे तीन हफ्ते के ही इम्पोट्र्स किए जा सकते हैं। पुराने कर्ज की किश्तें भी नहीं भरी जा सकतीं। फाइनेंस मिनिस्टर इशहाक डार ने नवंबर में कहा था कि चीन और सऊदी अरब पाकिस्तान को बहुत जल्द 13 अरब डॉलर का नया कर्ज देंगे। यह अब तक नहीं मिला और दोनों देश चुप हैं। दूसरी तरफ, इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी आईएमएफ ने भी कर्ज की तीसरी किश्त रोक दी है। ऐसे में अब जनवरी से मार्च के पहले क्वॉर्टर में विदेशी कर्ज चुकाने और इम्पोर्ट के लिए फंड्स कहां से आएंगे, इस पर बहुत बड़ा सवालिया निशान लग गया है।
चीन ने पाकिस्तान से 1.3 अरब डॉलर की किश्त मांग ली
फाइनेंस मिनिस्टर भले ही सऊदी अरब और चीन से 13 अरब डॉलर के नए लोन मिलने का दावा कर रहे हों, लेकिन हकीकत कुछ और है। नवंबर की शुरुआत में दोनों देशों से बातचीत हुई थी और अब तक इनकी तरफ से कोई पैसा मिलना तो दूर, वादा भी नहीं किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन तो एक कदम आगे निकल गया है। उसने पाकिस्तान से 1.3 अरब डॉलर की किश्त मांग ली। पाकिस्तान सरकार ने चीन की इस हरकत पर अब तक कुछ नहीं कहा है। डार अब दावा कर रहे हैं कि सऊदी अरब से बातचीत जारी है और उम्मीद है कि जल्द ही वहां से 3 अरब डॉलर मिल जाएंगे। दूसरी तरफ, सऊदी अरब ने इस मामले पर चुप्पी साध रखी है।