5 मिनट का प्रणायाम दिल को रखेगा दुरुस्त, जानिए कैसे, AIIMS के अध्ययन में हुई पुष्टि

5 मिनट का प्रणायाम दिल को रखेगा दुरुस्त, जानिए कैसे, AIIMS के अध्ययन में हुई पुष्टि

भ्रामरी से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है 

नई दिल्ली, केवल पांच मिनट के भ्रामरी प्राणायाम के एक सेशन से हार्ट रेट में हो रहे उतार-चढ़ाव में सुधार पाया गया। एम्स में योग पर हुई एक स्टडी में यह जानकारी सामने आई है। स्टडी करने वाले एक्सपर्ट ने दावा किया है कि भ्रामरी से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है और यह हार्ट रेट वेरिएबिलिटी (एचआरवी) के स्तर में इजाफा करता है। इसकी वजह से दिल से जुड़ी कई तरह की बीमारियां कम हो सकती हैं। इस स्टडी को मेडिकल जर्नल में भी प्रकाशित किया गया है। एम्स में यह स्टडी सेंटर फॉर इंटीग्रेटिव मेडिसिन एंड रिसर्च ने की है, जिसका मकसद देश की ट्रेडिशनल प्रैक्टिस को तथ्यों के जरिए दुनिया तक पहुंचाना है।

बीपी कंट्रोल करने में मदद करता है
इसलिए भ्रामरी प्रणायाम पर स्टडी की गई। ब्लड प्रेशर, हाइपरटेंशन और एचआरवी पर योग क्रिया भ्रामरी का असर देखा गया। दो ग्रुप में बांट कर रैंडम ट्रायल किए गए। पहले ग्रुप में 35 लोग थे जिन्हें भ्रामरी करने को कहा गया और दूसरे ग्रुप के 35 लोगों को स्लो ब्रीदिंग एक्सरसाइज करने को कहा गया। आमतौर पर एक मिनट में 12 से 20 बार लोग सांस लेते हैं। लेकिन स्लो ब्रीदिंग में एक मिनट से छह बार ही सांस लिया जाता है। डॉक्टर ने कहा कि स्लो ब्रीदिंग पर पहले भी स्टडी हुई और उसमें दावा किया गया है कि यह बीपी कंट्रोल करने में मदद करता है, इसलिए हमने दूसरे ग्रुप के लिए यह प्रोसेस चुना।

कैसे करता है असर
रिसर्च में शामिल एक्सपर्ट डॉक्टर शर्मा ने कहा कि जब हम सांस लेते हैं और सांस छोड़ते हैं तो इस दौरान हार्ट रेट कभी घटता है तो कभी बढ़ जाता है। हमारे ब्रेन में सेंट्रल नर्वस सिस्टम और ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम होता है। ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम दो प्रकार का होता है। पहला सिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम और दूसरा पैरासिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम होता है। जब भी स्ट्रेस होता हो, एक्साइटमेंट हो, इमोशनल स्ट्रेस हो तो सिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम एक्टिव हो जाता है। यह एक केमिकल रिलीज करता है, जिससे हार्ट रेट, ब्लड प्रेशर में इजाफा हो जाता है। वहीं, दूसरी ओर पैरासिम्पेथेटिक इसे रिलैक्स करता है, उसे नॉर्मल करता है। इससे सिस्टम बैलेंस रहता है।

एचआरवी पर काफी पॉजिटिव असर 
इस स्टडी में पाया गया कि सिर्फ एक बार में पांच मिनट के सेशन से ब्लड प्रेशर में तो कोई सुधार नहीं देखा गया, लेकिन इसका एचआरवी पर काफी पॉजिटिव असर देखा गया। एचआरवी में इजाफा हुआ। एचआरवी में इजाफा इस बात का संकेत है कि स्थिति में सुधार है। जिससे हार्ट से संबंधित कई दिक्कतों का खतरा कम होता है। एक्सपर्ट का कहना है कि अगर सिर्फ एक सेशन से इतना प्रभाव पड़ा तो रेगुलर बेसिस पर योग की इस क्रिया को अपनाने से काफी फायदा हो सकता है। इसलिए इस पर बड़े स्तर पर स्टडी की जरूरत है, जिसके बाद दावा और मजबूत हो सकता है।

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