रविवार की दोपहर से ही पात्र किसानों को मुख्यमंत्री के नाम से मोबाइल पर भेजे जाने लगे मैसेज
भोपाल, सरकार 75 दिन के बाद भी अपने वायदे को पूरा नहीं कर पाई है। किसानों के आवेदन जमा हो जाने के बाद चिन्हित किसानों को प्रमाण पत्र तो दे दिए परंतु बैंकों में पैसा न होने के कारण किसान ठगा महसूस कर रहे हैं। रविवार को जैसे ही लोकसभा चुनाव की घोषणा होने की खबर मिली वैसे ही मुख्यमंत्री के नाम से किसानों को माेबाइल पर मैसेज भेजने का सिलसिला शुरू हो गया। मुख्यमंत्री कमलनाथ के हवाले से भेजे जा रहे मोबाइल मैसेज में कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव आचार संहिता के कारण कर्ज माफी की स्वीकृति नहीं मिल पाई है। चुनाव के बाद शीघ्र स्वीकृति दी जाएगी। दोपहर में मिले इन संदेशों को पढ़कर किसान एक बार फिर से इसे सरकार द्वारा कर्ज माफ करने के नाम पर छलावा मान रहे हैं। सरकार के मुताबिक लगभग 55 लाख किसानों का कर्ज माफ होना थ, लेकिन अभी तक सिपर्फ 25 लाख के आसपास किसानों की कर्जमाफी हो पाई है।
किसान वंचित
कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सिर्फ बैतूल जिले में 1 लाख 49 हजार किसानों को जय किसान ऋण माफी योजना का लाभ मिलना है। इनमें से कुछ ही किसानों को प्रमाण पत्र जारी किए जा सके हैं। जिन किसानों को प्रमाण पत्र मिले हैं उनके बैंक खाते में न तो अब तक राशि आ पाई है और न ही उनका कर्ज माफ हो पाया है। सहकारी बैंकों में किसान संपर्क कर रहे हैं लेकिन उन्हें यह बताया जा रहा है कि अभी तक राशि मुहैया नहीं कराई जा सकी है। जब राशि मिलेगी तब ही कर्ज माफ किया जा सकेगा। जिले की सहकारी समितियों में भी न तो किसानों की अंशपूंजी बची हुई है और न ही राशि मौजूद है। एसे में वे पुराना कर्ज तो माफ ही नहीं कर पाएंगी और न ही किसानों को नया कर्ज ही मिल सकेगा। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अफसरों की मानें तो कुल 96 हजार 854 किसान ऋण माफी के दायरे में आ रहे थे। इनमें से 87 हजार किसानों ने फार्म जमा कराए हैं। 60 हजार किसानों के कर्ज माफ करने की प्रक्रिया चल रही है लेकिन अब तक राशि ही उपलब्ध नहीं हो सकी है। सरकार के आदेश पर किसानों के खाते में कर्ज माफ किया जा रहा है।
कांग्रेस सरकार किसानों की विरोधी है
भाजपा का आरोप है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार किसानों की विरोधी है। कर्ज माफी का लालच देकर वोट तो ले लिए लेकिन किसानों को दो महीने से लाल, हरे और सफेद आवेदन के नाम पर बरगलाया गया। जब कर्ज माफ करने का समय आया तो सहकारी समितियों पर 50 प्रतिशत का बोझ डालकर सहकारिता को पूरी तरह से बर्बाद करने का प्रयास किया जा रहा है। अब चुनाव की आड़ लेकर सरकार एक बार फिर से किसानों को गुमराह करने का प्रयास कर रही है। किसान पूरी तरह से कांग्रेस सरकार के इस छलावे को समझ गए हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि जब किसानों के आवेदन एक माह पहले ही जमा हो गए हैं तो फिर चुनाव की आचार संहिता को दोष क्यों दिया जा रहा है। श्री खंडेलवाल ने प्रदेश सरकार पर यह भी आराेप लगाया कि केन्द्र सरकार द्वारा किसानों को हर साल 6 हजार रुपए का नकद लाभ पहुंचाने की जो योजना बनाई है उसे प्रदेश में शुरू तक नहीं किया जाकर किसानों को आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
क्या लिखा मैसेज में
कर् माफी योजना के पात्र किसानों के पंजीकृत माेबाइल नंबर पर एचपी-जेकेएमआरवाय के द्वारा भेजे जा रहे मैसेज में संबंधित किसान को संबोधित करते हुए लिखा गया है कि जय किसान फसल ऋण माफी योजना में अापका आवेदन मिला है। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण आपकी ऋण माफी नहीं हो पाई है। चुनाव के बाद शीघ्र स्वीकृति की जावेगी।
शुभकामनाएं, आपका कमलनाथ, मुख्यमंत्री।