विवि अधिकारियों को मिली क्लीनचिट, फिर से जांची जाएंगी कॉपियां

भोपाल बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (बीयू) की काॉपियां जूनियर्स से जंचवाने का मामला अभी शांत नही हुआ है। प्रोफेसर धनीराम अहिरवार को ब्लैक लिस्टेड और विश्वविद्यालय से परीक्षा नियंत्रक डॉक्टर ए के मुंजाल को हटाने के बाद बीयू प्रबंधन ने फिर से कॉपिया चेक करवाने का फैसला लिया है।नये निर्देश के अनुसार अब बीए हिन्दी साहित्य के चौथे सेमेस्टर की कॉपियां फिर से जंचवाई जाएंगी। इसके लिए सागर से कॉपियां वापस बुलवाई गई है। वही इस पूरे मामले में विवि प्रंबधन ने किसी भी संबंधित अधिकारी को गुनाहगार नही माना है और सभी को क्लीनचिट दे दी है।बीयू ने इसका पूरा ठीकरा सागर प्रोफेसर और परीक्षा नियंत्रक पर फोड़ दिया है।वैसे देखा जाए तो बीयू की कॉपियों के मूल्यांकन की पूरी जिम्मेदारी डिप्टी रजिस्ट्रार होती है, वे ही विवि की कॉपियों को दूसरे विवि या महाविद्यालय में मूल्यांकन के लिए भेजते हैं। ऐसे में सिर्फ प्रोफेसर और नियंत्रक पर लापरवाही का आरोप लगाना औऱ उन्हें हटाना नये सवाल खड़े कर रहा है। दरअसल, परीक्षा होने के बाद बीयू ने चौथे सेमेस्टर की करीब 500  कापियां जांचने के लिए सागर के शासकीय आर्ट्‌स एंड कॉमर्स कॉलेज प्रबंधन को भेजी थी। लेकिन आर्ट्‌स एंड कॉमर्स कॉलेज के प्रोफेसर ने कॉपियां खुद ना चेक कर फर्स्ट ईय़र के छात्रों को जांचने के लिए दे दी। प्रोफेसर ने दोनों छात्रों को कॉपियों के 5 बंडल जांचने के लिए दिए । इनमें से प्रत्येक बंडल में करीब 100 कॉपियां हैं, जिन्हें जांच कर स्टूडेन्ट को वापस करना थी। मामले का खुलासे होने के बाद हंगामा हो गया।  इसके बाद आनन-फानन में बीयू के कुलपति डीसी गुप्ता की अध्यक्षता में बैठक बुलाई गई  तीन घंटे की बैठक के बाद बीयू ने कड़ी कार्रवाई करते हुए ठेके पर छात्रों से कापियां जंचवाने वाले प्रोफेसर धनीराम अहिरवार को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए शासन को भी पत्र लिखा है। वहीं इस मामले में विश्वविद्यालय से परीक्षा नियंत्रक डॉक्टर ए के मुंजाल को भी हटा दिया गया। इसके अलावा विवि प्रशासन ने पूरे मामले की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर सात दिन में रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए हैं।  जांच कमेटी में सागर संभाग के अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा विभाग प्रोफेसर जीएस रोहित, बीयू के प्रोफेसर केएन त्रिपाठी व अटल बिहारी बाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रोफेसर एसके पारे को शामिल किया गया है । इस कमेटी को सात दिन के अंदर जांच रिपोर्ट बीयू के रजिस्ट्रार यूएन शुक्ला को सौंपनी है। जांच में अगर समन्वयक संदीप दुबे पर लापरवाही सिद्ध होती है तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि बीयू व उससे संबंधित महाविद्यालयों और यहां के विद्यार्थियों की समस्याओं के निराकरण के कई मामले राजभवन और लोकायुक्त के पास पहुंचे हैं। इसमें 40 मामले लोकायुक्त के पास पहुंचे हैं। जिसमें 13 मामलों का निपटारा हो चुका है। इसमें एक मामले में साइबर लॉ डिपार्टमेंट के चौथे सेमेस्टर में परीक्षा परीणाम जारी नहीं किया गया था।