EVM के मतों पर अगर विवाद हुआ तो VVPAD की मतदान पर्चियों तय करेंगी हार-जीत

भोपाल
प्रदेश के 28 विधानसभा क्षेत्रों में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों में डाले गए मतों की गिनती दस नवंबर को सुबह आठ बजे से की जाएगी। यदि ईवीएम में डाले गए मतों की गिनती को लेकर किसी प्रकार के विवाद की स्थिति बनती है तो वीवीपेट की मतदान पर्चियों की गिनती करके हार-जीत सुनिश्चित की जाएगी। इस बार डाक मतों की गिनती पूरी होंने तकईवीएम के आखिरी चरणोें की गिनती नहीं रोकी जाएगी। प्रदेश के सभी 28 विधानसभा सीटों के अंतर्गत 9 हजार 361मतदान केन्द्रों की इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन और खराबी केचलते बदली गई सभी ईवीएम में डाले गए मतों की गिनती करने के लिए पुख्ता सुरक्षा प्रबंध किए गए है। कड़ी चौकसी के बीच मतगणना होगी। केन्द्रीय बल और राज्य के पुलिस बल का व्यापक प्रबंध मतगणना स्थल पर किया गया है।
मतगणना कक्ष में हर कक्ष में केवल सात टेबल लगेंगी। दो कक्षों में कुल चौदह टेबल गिनती के लिए लगाई जाएंगी। हर टेबल पर एक काउंटिंग सुपरवाईजर, एक माइक्रो आर्ब्जवर, एक मतदान सहायक तैनात किया जाएगा। इस तरह मतदान अमले और पुलिस कर्मी मिलाकर हर टेबल पर लगभग पांच कर्मचारी तैनात रहेंगे। सुबह आठ बजे पहले डाक मतपत्रों और आॅनलाईन डाले गए सर्विस वोटों की गिनती शुरु होगी। आधा घंटे बाद ईवीएम के वोटों की गिनती शुरु होगी। अब कोई भी गिनती रोकी नही जाएगी। सारे मतों की गिनती एक साथ चलती रहेगी।
मतगणना स्थल पर मास्क,सेनेटाईजर के बिना प्रवेश नहीं मिलेगा। दो गज की दूरी का भी पालन कराया जाएगा। मतदान प्रक्रिया में लगे कर्मचारियों को छोड़कर कोई भी मतगणना स्थल के भीतर मोबाइल लेकर नहीं जा सकेगा। भीड़ बढ़ने पर उम्मीदवारों को मतगणना स्थल पर बारी-बारी से प्रवेश दिया जाएगा। बाहर एलईडी से वे निगरानी कर सकेंगे।
मतगणना कक्ष में टेबल के चारों ओर जालियां लगाकर सुरक्षा की जाएगी। यहां जालियों के बाहर उम्मीदवार या उसका एक प्रतिनिधि मौजूद रह सकेगा। ये मतगणना पर सीधे नजर रख सकेंगे। गड़बड़ी होंने पर रिटर्निंग आॅफीसर को बताएंगे। बाहर एलईडी पर भी मतगणना प्रक्रिया देखी जा सकेगी। मतगणना स्थलों पर इस बार वेबकास्टिंग, सीसीटीवी कैमरों से भी निगरानी की जाएगी।