MP में गद्दारों ने कमीशन के लिए बेच दी देश की खुफिया जानकारी, जांच के दायरे में प्रदेश एटीएस टीम

MP में गद्दारों ने कमीशन के लिए बेच दी देश की खुफिया जानकारी, जांच के दायरे में प्रदेश एटीएस टीम

सतना  
दुश्मन देश पाकिस्तान को भारत की गोपनीय जानकारी भेजने के मामले में प्रदेश की एटीएस की जांच और सतना पुलिस की कमजोर चौकसी की भी जांच शुरू होने जा रही है। इस मामले में पूर्व में भी गिरफ्तार हो चुके बलराम सिंह के टेरर फंडिंग के पुराने मामले की जांच और उसकी निगरानी को लेकर कहां  लापरवाही बरती गई इसको सरकार और पुलिस मुख्यालय के आला अफसर नजर अंदाज करने के मूड में नहीं हैं।

हाल ही में पाकिस्तान के लोगों को देश की गोपनीय जानकारी भेजने के मामले में बुधवार को सतना से गिरफ्तार हुए बलराम सिंह, शुभम मिश्रा और सुनील सिंह के मामले में आतंकियों को लेकर जांच एवं धरपकड़ करने वाली प्रदेश पुलिस की सबसे मजबूत विंग एटीएस को भी सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। दरअसल घनश्याम सिंह को एटीएस ने 8 फरवरी 2017 को भी पाकिस्तान के लोगों को देश की गोपनीय जानकारी भेजने के आरोप में पकड़ा था। उसके खिलाफ एटीएस चार्जशीट भी पेश कर चुका है।  इस मामले में वह इन दिनों जमानत पर था, जमानत पर रहने के दौरान ही वह फिर से पाकिस्तान के लोगों के सम्पर्क में रहा।

बलराम की फिर से इसी मामले में गिरफ्तारी ने पीएचक्यू के कान खड़े कर दिए हैं। पुलिस मुख्यालय इस मामले में यह जांच करवा रहा है कि एटीएस से कहां चूक हुई, जिसके कारण बलराम को जमानत मिली, जमानत पर छूटने के बाद उस पर नजर क्यों नहीं रखी गई। वहीं बलराम के साथ पूर्व के मामले में गिरफ्तार जो जमानत पर है उनकी भी खोज खबर लेने के निर्देश एटीएस को दिए गए हैं।

घनश्याम की ढाई साल पहले हुई गिरफ्तारी के बाद यह सामने आया था कि उसने सतना के  बजरंग दल के कुछ कार्यकर्ताओं के नाम से बैंक में खाते खोल लिए थे। इसे जम्मू और केंद्र की खुफिया एजेंसी के इनपुट पर पकड़ा गया था। उस वक्त इसकी फेसबुक पर बजरंग दल और एक राजनीतिक दल के लोगों के साथ फोटो भी अपलोड थे।