भोपाल, प्रदेश में महाविद्यालयों में एडमिशन के लिए पांच चरण पूरे करने के बाद उच्च शिक्षा विभाग दीवाली के बाद एक और चरण की काउंसलिंग कराएगा ताकि जिन बच्चों का एडमिशन नहीं हो सका है, वे प्रवेश पा सकें। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि इसके बाद दिसम्बर से कालेज में पढ़ाई शुरू कराई जा सकती है। उन्होंने कहा कि महाविद्यालयों में प्रभारी प्राचार्यों को पढ़ाने के काम से मुक्त किया जाएगा। इसके लिए जल्द ही एक महाविद्यालय में तीन प्राचार्य की टेÑनिंग कराई जाएगी। साथ ही विभाग में लंबित पेंशन प्रकरणों का भी जल्द निराकरण किया जाएगा। मंत्री यादव ने मीडिया से चर्चा में कहा कि महाविद्यालयों में जनभागीदारी समितियों का गठन नए सिरे से किया जाएगा। समिति को और प्रभावी बनाने का काम भी होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते परीक्षा के विकल्पों की तलाश भी की जा रही है ताकि बच्चों का नुकसान न हो। इसके लिए एक टास्क फोर्स समिति का गठन किया जाएगा।
इसके लिए यूजीसी की गाइडलाइन के आधार पर काम करेंगे। यादव ने कहा कि आनलाइन काउंसलिंग के माध्यम से स्टूडेंट्स को अवसाद से निकालने के लिए भी विभाग कोशिश में जुटा है। शिक्षक, अभिभावक योजना के माध्यम से हर शिक्षक द्वारा खुद को आवंटित विद्यार्थियों से नियमित संवाद किया जाएगा। विभाग लगातार शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए प्रयासरत है।
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि कैबिनेट के फैसले के आधार पर उच्च शिक्षा विभाग में रिक्त पदों पर 5 प्रतिशत भर्ती करने की कार्यवाही जल्द पूरी करेंगे। 550 सहायक प्राध्यापकों को पदोन्नति द्वारा प्राध्यापक बनाने का काम शुरू किया जा रहा है। इनकी पेंशन का सरलीकरण किया जाएगा। जल्दी ही एक हजार पदों पर भर्ती की जाएगी।
यादव ने कहा कि प्रदेश में गली मोहल्ले में खोले जा रहे महाविद्यालयों पर लगाम लगाने का काम किया जाएगा। सालों से एक ही स्थान पर जमे प्रोफेसर्स की समीक्षा की जाएगी। जिनकी शिकायत होगी उन पर कार्यवाही करेंगे और जिनका काम अच्छा होगा, उन्हें ईनाम देंगे। सभी महाविद्यालय और विश्वविद्यालय हेल्प डेस्क का गठन करेंगे। यहां प्रभारी प्राचार्य का मनोनयन करने की व्यवस्था की जा रही है।