अमेरिका ने साजिशकर्ताओं की सूचना देने पर 35 करोड़ के इनाम की घोषणा

अमेरिका ने साजिशकर्ताओं की सूचना देने पर 35 करोड़ के इनाम की घोषणा

 
वॉशिंगटन 

अमेरिका ने 2008 में मुंबई पर हुए हमले की साजिश रचने, सहायता करने वाले की जानकारी देने पर 50 लाख डॉलर (35 करोड़ रुपये से अधिक) के इनाम की घोषणा की है। मुंबई हमले की 10वीं बरसी पर ट्रंप प्रशासन की तरफ से इतने ज्यादा धनराशि के इनाम की घोषणा की गई है। 26 नवंबर 2008 को मुंबई में घुस आए लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने इस हमले को अंजाम दिया था।  
 
देश की आर्थिक राजधानी पर हुए इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों में 6 अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे। सिंगापुर में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस के मुलाकात के एक पखवाड़ा बीतने से पहले ही यह महत्वपूर्ण घोषणा सामने आई है। ऐसा माना जाता है कि इस मुलाकात के दौरान पेंस ने खुद इस मामले को उठाते हुए चिंता जाहिर की थी कि 10 साल के बाद भी मुंबई हमले के साजिशकर्ताओं को सजा नहीं मिल पाई। 
  
 मुंबई में हुए इतिहास के सबसे भयानक आतंकी हमले को 10 साल हो गए हैं। पाकिस्तानी आतंकियों ने ताज और ट्राइडेंट होटल के साथ-साथ छत्रपति शिवाजी टर्मिनस पर हमला किया था। देश के कुछ बहादुर पुलिसकर्मियों और एनएसजी के जवान ने इन आतंकियों का डटकर सामना किया और कई लोगों की जान बचाई। उनमें से 5 ने देश और देश के लोगों की रक्षा के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। आइए आज देश के उन 5 हीरों के बारे में जानते हैं...

 मुंबई एटीएस के चीफ हेमंत करकरे रात में अपने घर पर उस वक्त खाना खा रहे थे, जब उनके पास आतंकी हमले को लेकर क्राइम ब्रांच ऑफिस से फोन आया। हेमंत करकरे तुरंत घर से निकले और एसीपी अशोक काम्टे, इंस्पेक्टर विजय सालस्कर के साथ मोर्चा संभाला। कामा हॉस्पिटल के बाहर चली मुठभेड़ में आतंकी अजमल कसाब और इस्माइल खान की अंधाधुंध गोलियां लगने से वह शहीद हो गए। मरणोपरांत उन्हें अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था।

करकरे ने मुंबई सीरियल ब्लास्ट और मालेगांव ब्लास्ट की जांच में भी अहम भूमिका निभाई थी।

 मुंबई पुलिस के एएसआई तुकाराम ओंबले ही वह जांबाज थे, जिन्होंने आतंकी अजमल कसाब का बिना किसी हथियार के सामना किया और अंत में उसे दबोच लिया। इस दौरान उन्हें कसाब की बंदूक से कई गोलियां लगीं और वह शहीद हो गए। शहीद तुकाराम ओंबले को उनकी जांबाजी के लिए शांतिकाल के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था।

 अशोक काम्टे मुंबई पुलिस में बतौर एसीपी तैनात थे। जिस वक्त मुंबई पर आतंकी हमला हुआ, वह एटीएस चीफ हेमंत करकरे के साथ थे। कामा हॉस्पिटल के बाहर पाकिस्तानी आतंकी इस्माइल खान ने उन पर गोलियों की बौछार कर दी। एक गोली उनके सिर में आ लगी। घायल होने के बावजूद उन्होंने दुश्मन को मार गिराया।

 एक समय मुंबई अंडरवर्ल्ड के लिए खौफ का दूसरा नाम रहे सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर विजय सालस्कर कामा हॉस्पिटल के बाहर हुई फायरिंग में हेमंत करकरे और अशोक काम्टे के साथ आतंकियों की गोली लगने से शहीद हो गए थे। शहीद विजय को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था।