आगामी बजट में आम लोगों को मिलेगी राहत, नहीं होगा टैक्स का भार

भोपाल
मध्य प्रदेश के आगामी बजट में आम लोगों को राहत मिल सकती है. इस बजट में किसान कर्जमाफी और इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार का फोकस होगा. इसके मद्देनजर प्रदेश के सीएम कमलनाथ ने बजट को लेकर वित्त विभाग की समीक्षा की है.
मानसून सत्र में पेश होने वाले कमलनाथ सरकार के पहले बजट में जरूरी सामानों पर टैक्स लगाने से परहेज होगा. बता दें कि राज्य सरकार आम लोगों के जरूरी सामानों पर किसी तरह का कोई टैक्स नहीं लगाएगी. सरकारी खजाना भरने के लिए सरकार ऐसे जरिए तलाश रही है, जिससे आम लोगों पर भार नहीं पड़े.
राज्य के बजट को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वित्त विभाग की बैठक कर तैयार प्रस्तावों का फीडबैक भी लिया है. सीएम कमलनाथ ने आम लोगों पर किसी तरह का टैक्स का भार नहीं देने और सरकारी खजाने को मैनेज करते हुए इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए राशि का प्रावधान करने को कहा है. सीएम कमलनाथ ने किसान कर्जमाफी के लिए जरूरी राशि का प्रावधान करने समेत हर विभाग के बजट में वृद्धि करने की बात कही है.
वहीं इस दौरान बैठक में शामिल वित्त मंत्री तरुण भनोत ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र से प्रदेश के हिस्से की राशि में वृद्धि की मांग का प्रस्ताव रखेगी. केंद्र 'सेस' के जरिए जो राशि राज्यों से वसूल रही है, उसके एवज में कम राशि दे रही है. बता दें कि 'सेस' एक टैक्स है. इसे आमतौर पर कर पर कर के रूप में जाना जाता है.
Cess (सेस) का हिंदी में अर्थ होता है 'उपकर' है. यह किसी मुख्य टैक्स के ऊपर लगने वाला एक अतिरिक्त कर (tax on tax) होता है. यह करदाता की आमदनी पर न लगकर सिर्फ उस रकम पर लगता है, जो उसकी टैक्स देनदारी (Tax liability) बन रही होती है.
बहरहाल, ऐसे में कमलनाथ सरकार केंद्र से भी उसके हिस्से की राशि में वृद्धि करने की मांग करेगी.