कर्नाटक के बेलागावी में कोरोना वायरस की पहली वैक्सीन Covaxin का ट्रायल
बेलागावी/बेंगलुरु
कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में भारत की पहली वैक्सीन Covaxin का ट्रायल कर्नाटक के बेलागावी में किया जाएगा। 200 स्वस्थ वॉलंटियर्स की टीम पर पहली बार इस वैक्सीन को टेस्ट किया जाएगा। वैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक और हॉस्पिटल के डॉक्टर्स मिलकर क्लिनिकल ट्रायल करेंगे।
ICMR की निगरानी में ट्रायल
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की निगरानी में होने वाले इस ट्रायल में जीवन रेखा मल्टि स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टर और स्टाफ के सदस्य शामिल रहेंगे। यह उन 12 हॉस्पिटलों में शुमार है, जिसे सरकार ने वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल के लिए चुना है।
फास्ट ट्रैक बेसिस पर होगा ट्रायल
हॉस्पिटल के डायरेक्टर के अनुसार सामान्य तौर पर किसी भी वैक्सीन के ट्रायल में करीब 3 महीने का समय लगता है। आईसीएमआर ने अगस्त के दूसरे सप्ताह तक वैक्सीन के इस्तेमाल किए जाने की घोषणा की है। इसलिए फिलहाल Covaxin के ट्रायल को फास्ट ट्रैक पर रख दिया गया है। प्रॉसेस को तेज कर दिया गया है। हैदराबाद स्थिक भारत बायोटेक कंपनी ने बताया कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ विरोलॉजी (एनआईवी) के साथ मिलकर उसने कोविड-19 के लिए भारत की पहली वैक्सीन को सफलतापूर्वक विकसित किया है।
जुलाई से शुरू हो जाएगा ट्रायल
कंपनी ने कहा कि जुलाई महीने से इस वैक्सीन का इंसानों पर ट्रायल शुरू हो जाएगा। कंपनी की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि सार्स-सीओवी-2 स्ट्रेन को पुणे स्थित एनआईवी में अलग किया गया और उसे भारत बायोटेक को हस्तांतरित किया गया।
क्या होता है वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल?
किसी भी बीमारी से लड़ने के लिए वैक्सीन के उत्पादन से पहले कई चरणों से होकर गुजरना पड़ता है। सबसे पहले वैक्सीन का लैब में टेस्ट किया जाता है। इसके बाद नंबर आता है जानवरों पर टेस्ट का। यहां तक सफल और सुरक्षित पाए जाने के बाद वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल यानी कि इंसानों पर परीक्षण किया जाता है।
ह्यूमन ट्रायल में भी 3 चरण
Human Trial के भी 3 चरण होते हैं। सबसे पहले टेस्टिंग में कुछ लोगों को शामिल किया जाता है। इसके बाद अगले चरण में लोगों की संख्या अधिक होती है। इसमें कंट्रोल ग्रुप्स के जरिए ये देखा जाता है कि वैक्सीन सेफ है या नहीं। तीसरे और अंतिम फेज में पता लगाया जाता है कि वैक्सीन की कितनी खुराक वायरस से बचाने में असरदार होगी। बता दें कि हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने दावा किया है कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ विरोलॉजी (एनआईवी) के साथ मिलकर उसने कोविड-19 के लिए भारत की पहली वैक्सीन को सफलतापूर्वक विकसित किया है।