क्षेत्र में निराश्रित गायों की संख्या पर्याप्त नहीं होने से भोपाल ने गोशाला परियोजनाओं से हाथ खींचे

भोपाल
चार माह में एक हजार गोशालायें निर्माण किये जाने के मामले में कई जिले लक्ष्य से पीछे चल रहे हैं। भोपाल ने सरकार को प्रस्ताव ही भेज दिया है कि क्षेत्र में निराश्रित गायों की संख्या पर्याप्त नहीं होने से गोशाला परियोजनाओं की लक्ष्य संख्या घटाकर 20 से 11 की जायें। वहीं छतरपुर सहित दर्जनभर जिलों में परियोजनायें प्रारंभ नहीं हुई हैं। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने लापरवाह कलेक्टर और सीईओ जिला पंचायत को फटकार लगाते हुये काम में गति लाने के निर्देश दिये हैं।
प्रदेश के प्रत्येक पंचायत में एक गोशाला निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गोसंरक्षण को प्राथमिकता में लिया है और पहले चरण में चार माह के भीतर एक हजार नई परियोजनायें शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिये पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है।
जानकारी के अनुसार सरकार द्वारा दिये गये समय सीमा में एक भी जिला खरा नहीं उतरा है। सरकारी जानकारी के अनुसार गूगलशीट में 689 गौशाला निर्माण शुरू होने की जानकारी दी गई है। भोपाल जिले ने 20 परियोजनाओं को हाथ में लेने से इनकार कर दिया है। जिले से भेजे गये एक प्रस्ताव में कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्र में निराश्रित गौवंश की इतनी संख्या नहीं है कि 20 परियोजनायें संचालित की जा सकें। जिला ने सिर्फ 11 परियोजनाओं को हाथ में लेने का प्रस्ताव दिया है। जबकि नरसिंहपुर जिले ने एक और गोशाला परियोजना बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है।
गोशाला परियोजनाओं को लेकर ताजा रिपोर्ट सामने आई है कि भिंड जिले में 14 स्थलों पर गोशालायें अटकी हैं। छतरपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 25 कार्य प्रारंभ ही नहीं हुये हैं। शहडोल जिले ने आश्वासन दिया है कि एक दो दिन में कार्य प्रारंभ करा दिया जायेगा। शहडोल जिले ने भी विभाग को अवगत कराया है कि एक दो दिन में कार्य को गति दी जायेगी। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने संबंधित कलेक्टरों को निर्देश दिये हैं कि लक्ष्य से पीछे चल रहे 311 परियोजनाओं का काम तत्काल शुरू किया जायें।