घर के बाहर का वातावरण भी लाता है वास्तुदोष

घर के बाहर का वातावरण भी लाता है वास्तुदोष

वास्तुशास्त्र प्राचीन विद्या है, जिसका यूज लंबे समय से किया जा रहा है। इसके माध्यम से घर की फाइनेंशियल कंडीशन, हेल्थ, खुशहाली और सकारात्मक सोच को उन्न्त किया जा सकता है। परिवार के द्वारा की गई जानी-अनजानी गलतियों से वास्तुदोष पनपने लगते हैं। जो जीवन में लाख प्रयत्न करने पर भी व्यक्ति को ऊपर उठने नहीं देते। घर की हर दिशा पर वास्तु का अलग-अलग प्रभाव होता है। ये न केवल घर के अंदर होता है बल्कि बाहर भी होता है। घर के आस-पास बहुत सारी ऐसी चीजें होती हैं जो घरवालों को धनवान बना देती हैं। घर बनवाते एवं खरीदते वक्त हमेशा कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए-

  • घर के सामने अथवा आस-पास बिजली का खंभा, पेड़ और मंदिर नहीं होना चाहिए।
  • वॉशरूम घर के बीच और मेन गेट के सामने होने से पूरे घर में नकारात्मकता का संचार होता है।
  • उत्तर और पूर्व दिशा में बालकनी होने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है।
  • मुख्य द्वार का दरवाज़ा बाहर की तरफ खुले तो घर-परिवार पर अशुभ प्रभाव पड़ता है।
  • किचन उत्तर-पूर्व में होना चाहिए।
  • घर अथवा फ्लैट के बिल्कुल सामने की तरफ सीढ़ियां या लिफ्ट नहीं होनी चाहिए।
  • बिजली के स्विचबोर्ड दक्ष‌िण पूर्व की तरफ होने से शुभता का संचार होता है।
  • जो घर या फ्लैट  L और C आकार के होते हैं वे सदा अशुभ प्रभाव देते हैं।
  • बैडरूम में मंदिर नहीं होना चाहिए। घर की उत्तर पूर्व दिशा में मंदिर बनवाएं।
  • घर के मुख्य द्वार पर पूर्वी ईशान, उत्तरी ईशान, दक्षिणी आग्नेय और पश्चिमी वायव्य में होना चाहिए।