प्रदेश में आगे भी 2500 क्विंटल में खरीदा जाएगा किसानों का धान - मुख्यमंत्री बघेल

जगदलपुर
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी की पहली कड़ी का बस्तर जिले में भी आकाशवाणी और प्रादेशिक समाचार चैनलों में प्रसारण हुआ। मुख्यमंत्री के इस रेडियो वार्ता का शहर के साथ ही ग्राम और जनपद पंचायतों में लोगों ने सुना। मुख्यमंत्री का पहला लोकवाणी कार्यक्रम मुख्यतः कृषि और ग्रामीण विकास पर केंद्रित था। मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम में श्रोताओं के सवालों के भी जवाब दिये। मुख्यमंत्री ने किसानों के शंकाओं का समाधान करते हुए कहा कि केंद्र का समर्थन मूल्य चाहे जो हो, प्रदेश में आगे भी किसानों का धान 2500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाएगा, इसलिये किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने सुराजी गांव योजना नरवा,गरुवा, घरूवा और बाड़ी के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के ये चार चिन्हारी से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। मुख्यमंत्री के लोकवाणी सुनने के बाद लोगों ने अपनी सकारात्मक प्रतिक्रियाएं भी दी।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मासिक रेडियो वार्ता ‘लोकवाणी‘ सुनकर धुरागांव के ग्रामीणों ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री की बातों पर पूरा भरोसा है कि वे ग्रामीण क्षेत्र के उन्नति के लिए कार्य करेंगे। खेती-किसानी के समय ग्रामीण गांव के बीच मौजूद बरगद की पेड़ के पास उत्साह से इकट्ठा हुए और मुख्यमंत्री की मासिक रेडियो वार्ता की पहली कड़ी को सुना।
रेडियो वार्ता सुनने के बाद सरपंच श्री पतिलाल कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का सही रास्ता चुना है और वे निश्चित तौर पर इसमें कामयाब होंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस्पात संयंत्र के लिए आरक्षित इस भूमि को किसानों को वापस कर अपने इरादे जता दिए थे, कि वे ग्रामीणों के हितैषी हैं। उन्होंने धुरागांव के 225 किसानों का 576 हेक्टेयर से अधिक भूमि को वापस करने का कार्य किया है, जिससे यहां के यहां के ग्रामीणों ने राहत की सांस ली थी। पुरखों की इस जमीन को वापस करने के लिए वे मुख्यमंत्री का हृदय से आभार करते हैं तथा हमारी आने वाली पीढ़ियां भी इसके लिए कृतज्ञ रहेंगी। उन्होंने कहा कि अब यहां के किसानों को खेती-किसानी के लिए कर्ज और खाद-बीज भी मिल रहा है, जिससे उनका कार्य आसान हुआ है। उन्होंने कहा कि वे भी अपने गांव में गोठान बनाना चाहते हैं और इसके लिए जमीन का चुनाव भी कर लिया गया है। यहां गोठान बनने से किसानों को अपने फसल की सुरक्षा की चिंता नहीं करनी पड़ेगी और यहां इकट्ठा होने वाली गोबर भी किसानों के लिए फायदेमंद होगी।
यहां के ग्रामीण अनंतराम कश्यप ने मुख्यमंत्री के रेडियो संवाद को सुनकर कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा छत्तीसगढ़ की पुरातन संस्कृति को पुनर्जीवित करने का सुंदर प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नदी-नालों के संरक्षण के साथ ही तीज त्यौहारों के माध्यम से भी यहां की प्राकृतिक सौन्दर्य को बचाए रखने की पहल की है, जिसके लिए वे आभारी हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के तीज त्यौहार प्रकृति से जुड़े हैं चाहे वह तीजा हो या हरेली। ऐसे त्यौहार हमें प्रकृति से जोड़े रखते हैं। इन तीज-त्यौहारों की खासियत आने वाली पीढ़ी को पता चले, इसके लिए ऐसे कदम उठाने की जरुरत सभी महसूस कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज के दौर में प्रकृति का संरक्षण बहुत अधिक जरुरी है और इस दिशा में श्री भूपेश बघेल की सरकार ने सार्थक कदम उठाए हैं।
श्री जयसिंह बघेल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री बघेल ने महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर चलकर ग्रामीण अर्थव्यस्था को मजबूती करने का प्रयास सराहनीय है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने रेडियो संवाद में किसानों को 2500 रुपए प्रति क्विंटल धान खरीदी, 4000 रुपए प्रति मानक बोरा तेंदूपत्ता खरीदी जैसी बातों का उल्लेख किया है तथा हम सभी देख रहे हैं कि श्री बघेल की सरकार लगातार अपने वादों पर खरा उतर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने आगे भी 2500 रुपए प्रति क्विंटल धान खरीदी के लिए अपनी दृढ़ता दिखाई है, जो किसानों के लिए एक बहुत ही अच्छी खबर है।
ग्रामीण क्षेत्रों में शासन द्वारा संचालित विकास कार्यों का निरीक्षण के लिए क्षेत्र भ्रमण पर निकले जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री इंद्रजीत चंद्रवाल धुरागांव में रेडियो पर लोकवाणी सुन रहे ग्रामीणों को देखा और वहां उनके साथ बैठकर मुख्यमंत्री का संदेश सुना। उन्होंने यहां संचालित विकास कार्यों की जानकारी ली और ग्रामीणों को सिंचाई के सुविधा के लिए अधिक से अधिक तालाब और डबरी खनन करने की सलाह दी। सीईओ ने ग्रामीणों को जमीन वापसी के लिए बधाई देते हुए कहा कि पुरखों की यह भूमि उन्हें वापस मिल चुकी है और वहां सिंचाई के साधन विकसित कर वे बारहमासी खेती कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि बारहमासी खेती से किसानों की आर्थिक स्थिति अच्छी होगी और उनके बच्चों का भविष्य उज्जवल होगा। उन्होंने यहां मनरेगा के तहत अधिक से अधिक तालाब, कुएं और डबरी खनन के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों को दिए। श्री चंद्रवाल ने यहां मनरेगा एवं पेंशन भुगतान के संबंध मंे भी जानकारी ली और बैंक सखियों के माध्यम से ही गांव में ही पेंशन भुगतान करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री कैलाश कोड़ोपी, तहसीलदार श्री रामसिंह सोरी, जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अनिल ठोम्बरे भी उपस्थित थे।