रिसर्च में भारतीय वैज्ञानिक दूसरों से काफी आगे ,जल्द आएगी देशी की कोरोना वैक्सीनः डॉ. हर्षवर्धन

रिसर्च में भारतीय वैज्ञानिक दूसरों से काफी आगे ,जल्द आएगी देशी  की कोरोना वैक्सीनः डॉ. हर्षवर्धन

   नई दिल्ली
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज देशवासियों को एक बड़ा भरोसा दिलाया है। उन्होंने कहा कि हमारे वैज्ञानिक कोविड वैक्सीन बनाने की दिशा में बहुत आगे बढ़ चुके हैं। उन्होंने कहा कि भारतवासियों को पूरी तरह आश्वस्त किया है कि अगले कुछ महीनों में भारत का अपना कोरोना टीका आ जाएगा।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, 'जहां तक बाद वैक्सीन डिवेलपमेंट को लेकर रिसर्च की है तो हमारे वैज्ञानिक दूसरों से बहुत आगे हैं। हम इस स्थिति में हैं कि मैं भारतवासियों को पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि अब से कुछ महीनों में हमारे पास अपनी वैक्सीन होनी चाहिए।'

भारत में विकसित हो रही हैं ये तीन कोरोना वैक्सीन
भारत में तीन वैक्सीन कैंडिडेट्स के क्लीनिकल ट्रायल अडवांस्ड स्टेज में हैं। इनमें कोवैक्सीन (COVAXIN), कोवीशील्ड (Covishield) और जाइकोव-डी (ZyCoV-D) शामिल हैं। वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक कोवैक्सीन का निर्माण भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) की मदद से कर रही है। यह वैक्सीन भारत बायोटेक के जैव सुरक्षा स्तर-3 (BSL-3) हाई कंटेनमेंट फैसिलिटी में हो रहा है। इसे इंसानों पर पहले और दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) से मिल चुकी है।

जहां तक बात कोवीशील्ड की है तो इसका निर्माण सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और आसीएमआर के संयुक्त प्रयास से किया जा रहा है। सीरम इंस्टिट्यूट भारत की कंपनी है और यह दुनिया में सबसे बड़ी मात्रा में वैक्सीन का उत्पादन करती है। कोवीशील्ड क्लीनिकल ट्रायल के दूसरे और तीसरे चरण में है।

अब बात जायकोव-डी की। दवा निर्माता कंपनी जायडस कैडिला इसका निर्माण कर रही है। पहले चरण के क्लीनिकल ट्रायल में यह वैक्सीन सुरक्षा के पैमाने पर खरा उतरी है। अब जायकोवड-डी का दूसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है।

इन देसी कंपनियों की वैक्सीन के अलावा भारत सरकार ने भी कोरोना वैक्सीन के लिए बड़ी तैयारी की है। नरेंद्र मोदी सरकार ने अलग-अलग कंपनियों से वैक्सीन की डील की है। केंद्र ने Novavax से 1 अरब डोज की डील। ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका (Oxford-AstraZeneca Vaccine) से 500 मिलियन की डील, रूस की गेमेलिया रिसर्च इंस्टीट्यूट (Gamaleya Research Institute) से 100 मिलियन वैक्सीन की डील हो चुकी है।