सरकार मदद करती तो 'मेरी कॉम' की तरह 'गोल्ड' लाती, अधूरा रह गया इस 'भांजी' का सपना

सरकार मदद करती तो 'मेरी कॉम' की तरह 'गोल्ड' लाती, अधूरा रह गया इस 'भांजी' का सपना

सीहोर
मध्य प्रदेश की धरती भी हुनरबाजों की धरती है, जहां ऐसे ऐसे हुनर है जिन्हे मौक़ा मिले तो देश का नाम दुनिया भर में रोशन कर सकते हैं| लेकिन आज ऐसी प्रतिभाएं सरकार की सहायता के आभाव में अन्धकार में हैं| ऐसी ही एक खिलाड़ी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर के नसरुल्लागंज की है, जिसका सपना अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलना था, लेकिन आर्थिक रूप से सक्षम न हो पाने के चलते उसका सपना अधूरा है| वहीं सीएम भी वादा कर मुकर गए और देश को एक और मेरी कॉम जो मध्य प्रदेश से हो सकती थी, वह आज अपने अधूरे सपने के दर्द के साथ हताश है| 

दरअसल,  नसरुल्लागंज नगर से प्रथम बार राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में अंकिता माचवे (पावर लिफ्टिंग) का चयन हुआ था, जहां अंकिता ने सिल्वर मैडल जीता और अंतर्राष्ट्रीय खेलने का मौक़ा मिला जिसके लिए अंकिता को मंगोलिया जाना था| लेकिन इसकी एफिलेशन फीस 1 लाख 75 हजार थी, जिसे भर पाने में अंकिता का परिवार असमर्थ था| जिसके चलते अंकिता का यह सपना सिर्फ सपना ही रह गया| ऐसा नहीं कि अंकिता और उसके परिवार ने इसके लिए कोशिश न की हो, वह मुख्यमंत्री से भी मिली और सीएम ने यह वादा भी किया कि वह जरूर कुछ करेंगे, लेकिन फिर अपना वादा वह भी पूरा नहीं सके| 

अंकिता का कहना है कि जैसे एक छोटी सी जगह से निकलकर मेरी कॉम ने देश का नाम दुनिया भर में रोशन किया और देश को गोल्ड मैडल दिया| ऐसे ही उसका भी सपना है कि वो भी मध्य प्रदेश और देश का नाम रोशन करे, लेकिन सरकार की सहायता मुझे नहीं मिली| अंकिता ने कहा कि जब मुख्यमंत्री शिवराज यहां आये थे, तब भाषण के दौरान उन्होंने कहा था हम कुछ करेंगे, लेकिन बाद में जब उनसे मिली तो उन्होंने किसी भी सहायता से इंकार कर दिया| 

चुनावी समय में सरकार के इस रवैये का कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने विरोध किया है| उन्होंने इसे सरकार की नाकामी बताया है| उन्होंने ट्वीट कर लिखा है 'जिस बुधनी की जनता ने शिवराज सिंह को इस लायक बना दिया कि वो अपने बेटे को विदेश पढ़ा रहे हैं मगर उसी बुधनी वि.स.की भांजी (अंकिता माचवे) से झूठे वादे कर उसके सपनों पर पानी फेर दिया,परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से वो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नही खेल पाईं'|