चीन का टि्वटर पर शिकंजा, सरकार खुद डिलीट कर रही अकाउंट
चीन में सरकार ने ज्लद ही ट्विटर पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है दरअसल, चीन में सरकार के आलोचक और कार्यकर्ता इन दिनों टि्वटर और अन्य विदेशी सोशल मीडिया साइटों का अपनी बात रखने के लिए आजादी से इस्तेमाल करते रहे हैं जो चीन कम्युनिस्ट पार्टी की विचारधारा से अलग उठने वाली आवाजों को दबाने के अभियान पर जोर देता रहा है। अब उसने अपनी पहुंच इंटरनेट सेंसरशिप की ग्रेट फायरवॉल के बाहर विदेशी साइटों तक बना ली है। ग्रेट फायरवॉल घरेलू तौर पर इंटरनेट के नियमन के लिए चीन द्वारा लागू विधायी कार्रवाइयों और तकनीकों का संयोजन है।
चीन में लोग बीजिंग के नियंत्रणों से बचते हुए आभासी वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर सकते हैं और ब्लॉक विदेशी साइटों तक पहुंच सकते हैं, लेकिन अब चीन को डर है कि इन साइटों का राजनीतिक गतिविधि के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इस डर से अधिकारियों ने पिछले साल से चोरी चुपके इन पर रोक लगाने का अभियान शुरू किया है। चीनी कार्यकर्ताओं और अन्य टि्वटर यूजर्स ने कहा कि पुलिस उन पर संवेदनशील ट्वीट हटाने का दबाव डाल रही है. वहीं मानवाधिकार साइट चाइना चेंज के संस्थापक याक्स काओ ने कहा कि यह मूक हत्या है।
टिप्पणियां कुछ मामलों में चीनी अधिकारी खुद से अकाउंट डिलीट कर सकते हैं। काओ ने गत शुक्रवार को बताया कि एक चीनी कार्यकर्ता वु जान के टि्वटर अकाउंट को अचानक डिलीट कर दिया गया।गोपनीयता की शर्त पर एक टि्वटर यूजर ने कहा कि पुलिस ने कम्युनिस्ट पार्टी की आलोचना वाले ट्वीट को लेकर उसे हिरासत में लिया था। रातभर पुलिस थाने में रहने के बाद यूजर को अपनी लॉगइन जानकारी देनी पड़ी और पुलिस ने उसके ट्वीट डिलीट कर दिए। माइक्रोब्लॉगिंग साइट टि्वटर ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. राष्ट्रपति शी चिनफिंग के नेतृत्व में चीन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और वीपीएन सॉफ्टवेयर पर नियंत्रण बढ़ाया है।