प्याज का पैसा भी खा गए अफसर, ढुलाई में कर दिया 52 लाख का घोटाला

प्याज का पैसा भी खा गए अफसर, ढुलाई में कर दिया 52 लाख का घोटाला

जबलपुर
जबलपुर(JABALPUR) में लाखों का प्याज घोटाला(ONION SCAM) पकड़ा गया है. प्याज ढुलाई के नाम पर पैसा खा लिया गया. इसमें खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के तत्कालीन मैनेजर और म प्र स्टेट सिविल सप्लाइज कॉर्पोरेशन के वित्त प्रबंधक शामिल थे. दोनों अफसोरं पर 52 लाख की रिकवरी निकली है.

जबलपुर में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम में प्याज ढुलाई में घोटाला कर दिया गया. विभागीय जांच में इसका ख़ुलासा हुआ. इसमें खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के वित्त प्रबंधक हेमंत सिंह और म प्र स्टेट सिविल सप्लाइज कॉर्पोरेशन के वित्त प्रबंधक ए के नगरारे का नाम आय़ा है. उन पर 52 लाख से अधिक की रिकवरी निकली है.

मध्य प्रदेश में दो साल पहले 2017 में प्याज की बंपर पैदावार ने किसानों और सरकार दोनों को रुला दिया था. बंपर पैदावार के कारण प्याज को पर्याप्त मार्केट नहीं मिल पाया औऱ किसानों को उपज का वाजिब दाम. उसके बाद हुए किसान आंदोलन ने प्रदेश की बीजेपी सरकार को हिला दिया था.

लेकिन जबलपुर में तो किसान आंदोलन और प्याज लुढ़कने के इस मौसम में भी कुछ लोग ऐसे निकले कि उन्होंने प्याज के नाम पर चांदी काट ली.जबलपुर ज़िले के तत्कालीन खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम प्रबंधक हेमंत सिंह ने लाखों का चूना सरकार को लगा दिया. निजी ट्रांसपोर्टर को फायदा पहुंचाने के लिए उन्होंने करीब 50 लाख रुपए का गबन कर दिया.

तत्कालीन खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम प्रबंधक हेमंत सिंह ने प्याज़ परिवहन के अनुबंध शर्तो का उल्लंघन किया. उन्होंने ऑफिशिलय ठेकेदार ट्रांसपोर्टर बालाजी गुडस ट्रांसपोर्ट को ठेका देने के बजाए पंकजम इंटरप्राइजेज को खुद ही ठेका दे दिया. जब माल ढुलाई में लेट लतीफी हुई तो रेलवे को उसके एवज में दिया जाने वाला फाइन डैमेज कॉस्ट भी सरकारी ख़ज़ाने से जमा करा दी गयी. जबकि नियम के मुताबिक डैमेज कॉस्ट ट्रांसपोर्टर को जमा कराना थी. ये कॉस्ट 52 लाख 31 हजार 616 रुपए थी.

ज़िला प्रशासन ने माना कि प्याज ढुलाई में गड़बड़ी की गई है.कैबिनेट मंत्री लखन घनघोरिया का कहना है प्रदेश में किसी भी भ्रष्टाचारी को बख्शा नहीं जाएगा. विभागीय जांच के बाद तत्कालीन खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक रहे हेमंत सिंह और म प्र स्टेट सिविल सप्लाइज कॉर्पोरेशन के वित्त प्रबंधक से 50 लाख से अधिक की वसूली के आदेश दिए गए हैं.