आजम खान की याचिका खारिज, सजा बरकरार, बड़ा 'राजनीतिक' झटका

लखनउ, स्पीच मामले में सपा नेता आजम खान को अपर जिला एवं सत्र न्यायालय एमपी एमएलए सेशन कोर्ट से झटका लगा है। उनकी तरफ से जो स्टे एप्लीकेशन दायर की गई थी, उसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सबसे पहले रामपुर कोर्ट ने हेट स्पीच मामले में आजम को दोषी माना था और उन्हें तीन साल की सजा सुनाई गई। इसके साथ-साथ उनकी विधानसभा वाली सदस्यता भी रद्द कर दी गई। दरअसल, आज़म खान का पक्ष हेट स्पीच मामले पर एमपी एमएलए कोर्ट मजिस्ट्रेट ट्रायल कोर्ट के 3 साल की सज़ा के फैसले के खिलाफ कोर्ट में गया था। लेकिन कोर्ट से कोर्ट से आज़म खान को झटका लगा है।
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सपा नेता को बड़ा 'राजनीतिक' झटका
अब सपा की तरफ से सेशन्स कोर्ट में रामपुर कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी। उम्मीद थी कि आजम को वहां से राहत मिल जाएगी। लेकिन अभी के लिए इस कोर्ट ने भी सपा नेता को बड़ा 'राजनीतिक' झटका दिया है। उनकी राहत वाली अर्जी को खारिज कर दिया गया है। यानी कि उनकी सजा बरकरार रहने वाली है।
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आयोग ने उप चुनाव की अधिसूचना जारी करने पर रोक लगाई है
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट से आजम को ये राहत जरूर हासिल हुई थी कि रामपुर में उपचुनाव कराने को लेकर प्रक्रिया पर कुछ समय के लिए रोक लगा दी गई थी। दरअसल, निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर रामपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव पर रोक लगा दी। आयोग ने उप चुनाव की अधिसूचना जारी करने पर अग्रिम आदेश तक रोक लगाई है। 10 नवंबर को यह अधिसूचना जारी होनी थी।
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उपचुनाव की अधिसूचना पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई है रोक
रामपुर से पूर्व सपा विधायक मोहम्मद आजम खान को भड़काऊ भाषण देने के आरोप में एमपी-एमएलए कोर्ट से तीन वर्ष की सजा होने के बाद विधानसभा सचिवालय ने उनकी सीट रिक्त घोषित की थी। इसके बाद निर्वाचन आयोग ने इस सीट पर उपचुनाव की घोषणा की। 10 नवंबर को उप चुनाव की अधिसूचना जारी कर 17 नवंबर तक नामांकन दाखिल किए जाना प्रस्तावित था। वहीं पोलिंग 5 दिसंबर व काउंटिंग 8 दिसंबर को होना थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उप चुनाव की अधिसूचना जारी करने पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं।