प्रत्याशियों के सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर चुनाव आयोग की नजर
हेट स्पीच पर होगी सीधे कार्रवाई
भोपाल, मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सभी राजनीतिक दल और उम्मीदवार मतदाताओं तक पहुंच बढ़ा रहे है। इसमें वह अपने एजेंडे से लेकर योजनाओं तक जनता तक पहुंचा रहे है। इसके लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का सहारा ले रहे है और खूब पैसा भी खर्च कर रहे हैं। ऐसी पोस्ट और उस पर खर्च हो रही राशि की रियल मॉनीटरिंग की जा रही है। इसके लिए विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्म ने अपनी एंड ट्रांसपरेंसी लिंक आयोग को उपलब्ध कराई है। इससे सीधे पता चल रहा है कि पोस्ट कितने लोगों तक पहुंचाई गई और उस पर कितना पैसा खर्च किया जा रहा है। साथ ही राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों के सोशल मीडिया अकाउंट की भी सतत मॉनीटरिंग की जा रही है।
फेक कंटेंट और हेट स्पीच की भी मॉनीटरिंग
वहीं, आयोग की तरफ से फेक कंटेंट और हेट स्पीच की भी मॉनीटरिंग की जा रही है। कई बार हेट स्पीच से दो समुदाय में आपसी विवाद जैसी स्थिति बन जाती है। ऐसी स्थिति को रोकने और चुनाव प्रभावित करने वालों मुद्दों की शिकायत के लिए जनता को लिंक उपलब्ध कराई गई है। इस लिंक के माध्यम से पोस्ट की शिकायत कर आम जनता भी इन्हें हटवा सकेगी। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने इस तरह की सुविधा पहली बार दी है।