राष्ट्रपति चुनाव: जानिए कैसे होता है चुनाव है और कितनी होती है सांसद-विधायक के वोट की वैल्यू
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नई दिल्ली, देश के 16वें राष्ट्रपति चुनाव को लेकर 18 जुलाई को मतदान होगा। 21 जुलाई को देश के नए राष्ट्रपति के नाम का एलान किया जाएगा। हर किसी की निगाहें दो प्रमुख उम्मीदवारों पर टिकी हैं। ये हैं एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू और विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा। दोनों उम्मीदवार सांसदों और विधायकों को अपने-अपने पाले में करने के लिए पूरी ताकत से लगे हैं। जानिए चुनाव की पूरी प्रक्रिया और वोट की कीमत....
राष्ट्रपति चुनाव में कुल कितने वोट?
राष्ट्रपति चुनाव में सांसदों और विधायकों की कुल संख्या को मिलाकर वोट की वैल्यू निकाली जाती है। इस वक्त देश में सांसदों और विधायकों की कुल वोट वैल्यू है दस लाख 86 हजार चार सौ इकत्तीस (1,086,431)। गौर करने की बात ये है कि इस बार के चुनाव हर सांसद के वोट का मूल्य 708 से घटकर 700 रह जाएगा।
बैलेट पेपर के माध्यम से होता है गुप्त मतदान
राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष और गुप्त मतदान से होता है। इस चुनाव में आम जनता वोट नहीं करती है। राष्ट्रपति के चुनाव में राज्यसभा के निर्वाचित सांसद, लोकसभा के निर्वाचित सदस्य और विधायक इसमें वोट डालते हैं। अगर निर्वाचक अपना वोट किसी को दिखाते हैं तो उनका वोट रद्द कर दिया जाता है। साथ ही, राष्ट्रपति चुनाव में बैलेट पेपर का ही इस्तेमाल किया जाता है।
राज्य की विधानसभाओं और संसद भवन में होगा मतदान
राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग सांसद संसद भवन नई दिल्ली में वोट करेंगे। वहीं, विधानसभा के सदस्य अपनी विधानसभा में वोट कर सकेंगे। किसी आपात स्थिति में सांसद और विधायक कहीं भी वोट डाल सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें 10 दिन पहले चुनाव आयोग को बताना होगा।
कितनी है सांसद और विधायकों की वोट की वैल्यू
देश के राज्यों के सभी विधायकों के वोट का वैल्यू 5 लाख 43 हजार 231 है। वहीं, लोकसभा के सांसदों का कुल वैल्यू 5 लाख 43 हजार 200 है। इस तरह से दोनों विधायकों की कुल वोट वैल्यू 10 लाख 86 हजार 431 है। इसमें 776 सांसदों की कुल वोट की वैल्यू है- 543,200, जबकि देश के कुल 4,033 विधायकों की वोट वैल्यू है- 543,231।
जानिए राष्ट्रपति चुनाव के कुल वोटरों की संख्या
चुनाव आयोग ने बताया है कि राष्ट्रपति चुनाव के कुल वोटरों की संख्या 4,809 है। राष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्यों के चुनावी कॉलेज के सदस्यों और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी समेत सभी राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों के मतों के जरिए किया जाता है। वोट डालने के लिए चुनाव आयोग सभी वोटरों को पेन देगा।
संविधान के अनुच्छेद 55 में सदस्य के वोटों के मूल्य का जिक्र
राष्ट्रपति चुनाव में सदस्य के वोटों के मूल्य के बारे में संविधान के अनुच्छेद 55 में जिक्र है। इसकी वैल्यू कैसे तय की जाती है इस बारे में भी बताया गया है। उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश में एक MLA के पास सबसे ज्यादा 208 वोट वैल्यू है। यहां सभी 403 विधायकों के वोटों का कुल मूल्य 83824 है। ठीक इसी तरह से सिक्किम में एक विधायक के पास सबसे कम 7 वोट वैल्यू है यानी यहां के कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 224 है। देश में जितने भी निर्वाचित विधायक हैं उनके वोटों का जो मूल्य आता है उसे लोकसभा और राज्यसभा सांसदों की कुल संख्या से डिवाइड किया जाता है। यही एक सांसद के वोट का मूल्य होता है।
जानिए कैसे निकालते हैं विधायकों के वोट की वैल्यू ?
देश में किसी प्रदेश के विधायक के पास कितने मत हैं इसके लिए हम उस राज्य की जनसंख्या (1971 की आबादी) को वहां की विधानसभा सदस्यों की संख्या से डिवाइड करते हैं। इसके बाद जो नंबर आता है उसे फिर 1000 से डिवाइड किया जाता है। इसके बाद जो अंक प्राप्त होता है उससे ही प्रदेश के एक विधायक के वोट का अनुपात निकलता है। अगर शेष 500 से ज्यादा हो तो वेटेज में 1 जोड़ दिया जाता है। जैसे उत्तर प्रदेश में यूपी में एक विधायक के पास सबसे ज्यादा 208 वोट होते हैं। सभी 403 विधायकों के वोटों की कुल वैल्यू 83824 होती है। ठीक ऐसे ही दूसरे राज्यों के वोट की वैल्यू निकालते हैं।
जानिए कैसे निकाली जाती है सांसद के वोट की वैल्यू
देश के सभी विधायकों के वोटों का जो वैल्यू है उसे लोकसभा और राज्यसभा सांसदों की कुल संख्या से डिवाइड कर दिया जाता है। इसके बाद जो अंक प्राप्त होता है वही एक सांसद के वोट का मूल्य होता है। अगर डिवाइड करने पर शेष 0.5 से ज्यादा बचता हो तो वेटेज में एक अंक का इजाफा होता है। यानी एक सांसद के वोट की वैल्यू 708 होती है। यानी राज्यसभा और लोकसभा के कुल 776 सांसदों के वोटों की संख्या 549408 है।
इस बार घट गई सांसदों के वोट की कीमत
साल 1997 के राष्ट्रपति चुनाव के बाद से संसद सदस्य के वोट का मूल्य 708 निर्धारित किया गया है लेकिन इस बार राष्ट्रपति चुनाव 2022 में हर सांसद के वोट का मूल्य 708 से घटकर 700 रह जाएगा। जिसकी वजह जम्मू-कश्मीर में विधानसभा का नहीं होना है। राष्ट्रपति चुनाव में एक सांसद के मत का मूल्य दिल्ली, पुडुचेरी और जम्मू-कश्मीर समेत दूसरे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की विधानसभाओं के लिए निर्वाचित मेंबर की संख्या पर आधारित होता है। जम्मू-कश्मीर में अब तक विधानसभा चुनाव नहीं हुए हैं। ऐसे में जम्मू-कश्मीर के विधायकों के वोट का मूल्य निर्धारित नहीं हो सकेगा और सांसदों की वोट वैल्यू कम हो जाएगी
राज्यवार विधायकों के वोट की वैल्यू
उत्तर प्रदेश में विधायकों के वोटों की वैल्यू 83824
उत्तर प्रदेश में विधायकों की संख्या 403 है। एक विधायक के वोट की वैल्यू 208 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 83824 है।
राजस्थान में विधायकों के वोटों की वैल्यू 25800
राजस्थान में विधायकों की संख्या 200 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 129 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 25800 है। (25765806/200) /1000 = 128
बिहार के विधायकों के वोटों की वैल्यू 42039
बिहार में विधायकों की संख्या 243 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 173 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 42039 है।
मध्य प्रदेश के विधायकों के वोटों की वैल्यू 30130
मध्य प्रदेश में विधायकों की संख्या 230 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 131 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 30130 है।
पश्चिम बंगाल के विधायकों के वोटों की वैल्यू 44394
पश्चिम बंगाल में विधायकों की संख्या 294 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 151 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 44394 है।
महाराष्ट्र के विधायकों के वोटों की वैल्यू 50400
महाराष्ट्र में विधायकों की संख्या 288 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 175 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 50400 है।
पंजाब के विधायकों के वोटों की वैल्यू 13572
पंजाब में विधायकों की संख्या 117 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 116 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 13572 है।
हरियाणा के विधायकों के वोटों की वैल्यू 10080
हरियाणा में विधायकों की संख्या 90 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 112 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 10080 है।
आंध्र प्रदेश के विधायकों के वोटों की वैल्यू 23825
आंध्र प्रदेश में विधायकों की संख्या 175 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 159 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 23825 है।
दिल्ली के विधायकों के वोटों की वैल्यू 4060
दिल्ली में विधायकों की संख्या 70 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 58 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 4060 है।
तमिलनाडु के विधायकों के वोटों की वैल्यू 41184
तमिलनाडु में विधायकों की संख्या 234 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 176 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 41184 है।
केरल के विधायकों के वोटों की वैल्यू 21280
केरल में विधायकों की संख्या 140 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 152 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 21280 है।
छत्तीसगढ़ के विधायकों के वोटों की वैल्यू 11610
छत्तीसगढ़ में विधायकों की संख्या 90 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 129 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 11610 है।
झारखंड के विधायकों के वोटों की वैल्यू 14756
झारखंड में विधायकों की संख्या 81 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 176 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 14756 है।
असम के विधायकों के वोटों की वैल्यू 14616
असम में विधायकों की संख्या 126 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 116 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 14616 है।
हिमाचल के विधायकों के वोटों की वैल्यू 3468
हिमाचल प्रदेश में विधायकों की संख्या 68 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 51 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 3468 है।
कर्नाटक के विधायकों के वोटों की वैल्यू 29344
कर्नाटक में विधायकों की संख्या 224 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 131 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 29344 है।
तेलंगाना के विधायकों के वोटों की वैल्यू 15708
तेलंगाना में विधायकों की संख्या 119 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 132 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 15708 है।
उत्तराखंड के विधायकों के वोटों की वैल्यू 4480
उत्तराखंड में विधायकों की संख्या 70 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 64 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 4480 है।
राष्ट्रपति बनने के लिए 543,216 वोटों की जरूरत
किसी भी उम्मीदवार को राष्ट्रपति बनने के लिए 543,216 वोटों की जरूरत होती है। ताज़ा राजनीतिक हालात के अनुसार एनडीए के पास कुल 533,751 से भी ज्यादा वोट हैं, क्योंकि अब झारखंड मुक्तिमोर्चा ने भी मुर्मू को अपना समर्थन दे दिया है, जबकि विपक्ष के खाते में 360,362 वोट ही नजर आ रहे हैं।
घटनाक्रम ने बदला समीकरण
पिछले माह की 21 जून को विपक्ष के करीब 17-18 दलों ने यशवंत सिन्हा को अपना राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाने का फैसला किया। उस वक्त शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने यशवंत सिन्हा को समर्थन देने का एलान किया था, लेकिन अब महाराष्ट्र में सत्ता बदलते ही तस्वीर बदल गई है। एकनाथ शिंदे के समर्थक अब भाजपा के साथ आ गए हैं। लिहाज़ा उनके वोट द्रौपदी मुर्मू को मिलेंगे। इस बीच उद्धव ठाकरे गुट के शिवसेना के बाकी विधायकों और सांसदों ने भी द्रौपदी मुर्मू का समर्थन देने के लिए दबाव बनाया। उद्धव ठाकरे के पास विधायकों की बात मानने के अलावा कोई और दूसरा रास्ता नहीं था। लिहाजा अब वो मुर्मू का समर्थन करेंगे।
द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में कौन-कौन
महाराष्ट्र में सत्ता बदलने के बाद यशवंत सिन्हा की उम्मीदवारी और कमजोर हो गई है। जब भाजपा ने 18 जुलाई के चुनाव के लिए द्रौपदी मुर्मू को अपना उम्मीदवार घोषित किया, तो एनडीए बहुमत के आंकड़े से 13,000 वोट दूर थी। इसके बाद से अकाली दल, बसपा, तेदेपा, वाईएसआरसीपी और बीजेडी का समर्थन मिला और फिर झारखंड मुक्ति मोर्चा का भी समर्थन मिल गया। शिवसेना के पास 10.86 लाख वोटों में से 25,000 से अधिक वोट हैं।
यशवंत सिन्हा के समर्थन में पूरा विपक्ष भी एकजुट नहीं
यशवंत सिन्हा विपक्ष के उम्मीदवार साझा है, लेकिन विपक्ष की कई पार्टियों का उनको समर्थन में नहीं मिला हैं। मुख्य रूप से कांग्रेस, सपा, एनसीपी, टीएमसी, द्रमुक, टीआरएस उनके समर्थन में है। लेकिन विपक्ष के अन्य दल क्या करेंगे, तस्वीर फिलहाल साफ नहीं है। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन भी मुर्मू को वोट करेंगे। इसके अलावा आम आदमी पार्टी ने भी रूख साफ नहीं किया है।