...तो रेलवे स्टेशन से 2 मिनट में पहुंच जाएंगे महाकाल मंदिर, एयर टैक्सी के रूप में बनेगा रोप-वे
brijesh parmar
उज्जैन, विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर के भक्तों को एक और सौगात मिलने जा रही है। उज्जैन रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक रोप वे बनाए जाने को मंजूरी मिल गई है। इस दो किमी लंबाई के रोप-वे को 209 करोड़ रुपये में बनाया जाएगा। इसके बनने से भक्तों को ये फायदा होगा कि वे रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक सिर्फ पांच मिनट में पहुंच सकेंगे।
मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट के माध्यम से साझा की
उज्जैन को मिलने वाली इस सौगात की जानकारी केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट के माध्यम से साझा की है। गडकरी ने बताया कि जुलाई 2023 से इसका निर्माण कार्य शुरू होगा। रोप-वे स्टेशन में लोगों के लिए फूड जोन, प्रतीक्षालय, शौचालय के साथ साथ बस एवं कार पार्किंग की सुविधा मिलेगी।
10 साल बाद की आबादी को ध्यान में रखकर बनेगा प्लान
कुछ महीनों पहले जब गडकरी उज्जैन आए थे, तब उनसे इंदौरगेट रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक एयर टैक्सी के रूप में रोप-वे बनवाने की मांग की गई थी। उन्होंने उसे सैद्धांतिक रूप से मंजूरी देते हुए घोषणा भी की थी। कहा था प्रस्ताव बनाकर भेजो, मैं कर दूंगा। इसके बाद अगस्त में उन्होंने रोप-वे को सैद्धांतिक मंजूरी दी। इसके बाद ही स्पॉट का फिजिबिलिटी सर्वे किया गया। रोप-वे का रुट तय किया गया। अधिकतम ऊंचाई कितनी रखी जानी चाहिए, यह भी लिखा। स्टेशन रोड पर एक तरफ रेलवे की जमीन होने से सारा हिस्सा खाली है। दूसरी तरफ तीन-चार मंजिला होटलें तनी हुई हैं। रेलवे स्टेशन की जमीन पर यह रोप-वे बन सकता है। महाकाल क्षेत्र में रोपवे स्टेशन कहां बनेगा, यह अभी तय होना है। 10 साल बाद की आबादी और सड़क पर वाहनों की बढ़ती संख्या, प्रदूषण को ध्यान में रख एयर टैक्सी सुविधा शुरू करना जरूरी हो गया है।
जल्द ही काम शुरू हो जाएगा 18 धार्मिक स्थलों पर बनेंगे रोप-वे
गडकरी ने फिलहाल उज्जैन की घोषणा की है, लेकिन रोप-वे कुल 18 धार्मिक स्थलों पर बनने हैं। केंद्र ने वाराणसी, केदारनाथ मंदिर और उत्तराखंड के हेमकुंड साहिब के लिए रोप-वे विकसित करने के लिए निविदाएं आमंत्रित की थी। इन पर जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। साथ ही पर्वतमाला परियोजना के तहत पहाड़ी क्षेत्रों, दुर्गम क्षेत्रों, धार्मिक स्थलों और भीड़भाड़ वाले इलाकों को जोड़ने के लिए रोप-वे बनाए जा रहे हैं। पहले चरण में 200 से अधिक प्रोजेक्ट विकसित होंगे। नासिक से त्र्यंबकेश्वर तक पांच किमी लंबा रोप-वे भी प्रस्तावित है। इसी तरह श्रीनगर में शंकराचार्य मंदिर तक एक किमी लंबा रोप-वे, लेह पैलेस और ग्वालियर किले तक रोप-वे प्रोजेक्ट शामिल हैं।