praveen namdevजबलपुर, कोरोना से बचाव के लिए जारी तमाम उपायों के बीच अब जगह-जगह सेनेटाइजर मशीनें लगायी जा रही हैं. इसकी शुरुआत भोपाल में मुख्यमंत्री निवास से हो चुकी है. शिवराज सिंह चौहान के घर के बाहर पूरी टनल बना दी गयी है. इसमें से निकलने वाला व्यक्ति एक बार में पूरी तरह सेनेटाइज हो जाएगा. जबलपुर सेंट्रल जेल के गेट पर भी ऐसी ही मशीन लगायी गयी है जिसे शहर के एक युवा इंजीनियर ने बनाया है.
कोरोना वायरस तेज़ी से फैलने के कारण उसके बचाव के उपाय भी उतनी ही तेज़ी से किए जा रहे हैं. भोपाल में मुख्यमंत्री निवास में कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए फुल बॉडी सेनिटाइजर टनल लगायी गयी है. टनल से निकलने पर 15 से 20 सेकंड में व्यक्ति सेनेटाइज हो जाता है. इससे कोरोना संक्रमण का ख़तरा काफी कम हो जाता है. मुख्यमंत्री निवास के बाद अब मंत्रालय वल्लभ भवन और सतपुड़ा भवन में भी ऐसी ही सेनेटाइजर टनल लगाने की तैयारी है.
जबलपुर की नेताजी सुभाषचंद्र बोस सेंट्रल जेल में सेनेटाइजिंग गेट लगा दिया गया है. इसके ज़रिए यहां आने वाले स्टाफ और कैदियों को सेनेटाइज किया जा रहा है. शहर के युवा इंजीनियर अभिनव ठाकुर ने देसी जुगाड़ ये गेट बनाया है. इसी के साथ सेनेटाइजर लगाने वाली ये प्रदेश की पहली जेल हो गई है. अभिनव ने लॉक डाउन के दौरान में घर में रहते हुए घरेलू उपकरणों से यह गेट बनाया था. इसे जेल प्रशासन ने जेल के प्रवेश द्वार पर लगवाया है. जेल में आने-जाने वाला हर शख्स इससे होकर गुजरता है तो वो अपने आप ही सेनेटाइज हो जाता है.
कोरोना के वर्तमान हालात को देखते हुए यह देसी जुगाड़ काम कर रही है. अभिनव का दावा है कि इसे सार्वजनिक स्थलों पर आसानी से लगाया जा सकता है. इसमें न तो अधिक बिजली का खर्च आता है और न ही किसी विशेष मशीन या उपकरण की ज़रूरत होती है. फिलहाल केंद्रीय जेल में इसे ट्रायल के तौर पर लगाया गया है.ज़िला प्रशासन अब इस सेनेटाइजिंग गेट को और बेहतर बनाने की दिशा में विचार कर रहा है जिसके लिए अन्य इंजीनियरिंग विशेषज्ञों की सलाह भी ली जा सकती है.